tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post9155556530730401584..comments2024-03-02T15:49:04.728+05:30Comments on दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada : कविता वर दो दुर्गा माता... डॉ. कमल जौहरी डोगरा, भोपालDivya Narmadahttp://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comBlogger1125tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-23418654608903975372016-02-12T16:11:52.961+05:302016-02-12T16:11:52.961+05:30मंगलाचरण
दूर करो दुर्गति हमारी सिंहवाहिनी दुर्गा
व...मंगलाचरण<br />दूर करो दुर्गति हमारी सिंहवाहिनी दुर्गा<br />विश्वपलिनी दुष्ट्नाशिनी ,त्रिपुरसुंदरी,अन्नपूर्णा दुर्गा <br />देर भई माँ अब तो प्रकटो <br />काम तनिक यह कर दो <br />दूर करो जग का अंधियारा<br />इसको जगमग कर दो<br /><br /><br />माँ दुर्गा से निवेदन<br />सूख रहा जीवन का रस <br />छूट रहा है धीरज सारा <br />अन्ध्कार सब ओर घिरा हो <br />सूझे न जब कोई किनारा <br />तुम यह सब चुपचाप न देखो <br />बरसा दो अमृत की धारा<br />2 सुख स्वपन बने हों जब धूमिल <br />जीवन करता हो छ्ल ही छल <br />हों बंधन में निज प्राण बंधे<br />और सब मुक्ति के प्रयास विफल<br />किसी और द्वार पर ना जा कर पुकार करें<br />ना और किसी का मांगें सहारा <br />3 कब तक हम चुपचाप रहें<br />और लिए अधूरी प्यास रहें <br />अपने छोटे से आँचल में <br />निराशा और अविश्वास लिए <br />अब मिटें हमारे सारे गम<br />मुसकाए फिर जीवन सारा<br />4कर असत्य विदीर्ण<br />सत्य प्रतिष्ठित तुम्ही करातीं<br />देख तुम्हारा तेज <br />कोटी कोटी सूर्यों की किरणें लजातीं<br />माँ जीवन को मृत्यु पर <br />विजय तुम्ही दिलवातीं <br />नव रचनायें रच जगत का सरजन तुम्ही करातीं<br />हे शब्द विचारतीत रुके अब जग का क्रंदन<br />हे दयामयी जननी हम करें तुम्हारा वंदन<br />५ हे शुभ्र वसना माँ तुम ही सब कुछ करतीं <br />हे दयामयी माता तुम जग की जड़ता हरतीं<br />क्ल्याणकारी तत्व में तुम्ही शक्ति हो भरती <br />जब चारों ओर हो जलथल जलथल <br />प्राण प्यासे फिर भी तरसें<br />अब तुम ही करो उपाय कि <br />सूखे जीवन में रस बरसे<br />छिपा कर अपने दुःख दर्द को<br />जीना ही जिन्दगी का नाम है<br />ले क्रर भगवान का सहारा<br />विपरीत प्रिथितियों में आगे बढना<br />ही हमारा काम है-अशोक<br />Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02773042517757433527noreply@blogger.com