शुक्रवार, 12 जुलाई 2013

शर्मनाक :

शर्मनाक :

Photo: क्या स्वतंत्रता के लिए जान की कुर्बानी देने वाले अमर सेनानियों की याद में बनी समाधियों की अब ऐसी ही दुर्दशा होगी? क्या यही हमारी असली स्वतंत्रता है ? आज की यह खबर स्वतंत्रता दिवस के स्वाद को कसैला कर रही है?


इसका जवाब किसके पास मिलेगा?

1 टिप्पणी:

  1. munshiravi@gmail.com

    सलिल जी

    पढ़ कर बहुत दुख हुआ. शायद देशप्रेम पर जान क़ुर्बान करने वालों का भारत में यही भविष्य है। हम देशप्रेम व राष्ट्रवाद को भी हिन्दू या मुस्लिम राष्ट्रवाद में विभाजित कर रहे हैं. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि हमारे मुरार में, जब हम तर्पण हुआ करते थे(शायद मित्र महिपाल जी को याद हो), एक मूत्रालय हुआ करता था जनसंपर्क अब क़ब्ज़ा कर एक पूजाग्रह बन गया है, जहाँ बहुत से भक्त अर्चना करते हैं आजकल।

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