मंगलवार, 4 जून 2013

gazal santosh bhauwala

ग़ज़ल:
चले आइए 
 संतोष भाऊवाला
 *


बज़्म-ए-उल्फ़त सजी है चले आइए
कैसी नाराज़गी है चले आइए
 
ख्वाब में ढूंढ़ती मैं रही आप को
ऐसी क्या बे रूखी है चले आइए
 
याद आकर सताती रही रात भर
आँसु ओं की झड़ी है चले आइए
 
ईद का चाँद भी मुन्तज़िर आपका
कैसी पर्दादरी है चले आइए
 
चाँदनी चाँद से होने को है जुदा
रात भी ढल चली है चले आइए

12 टिप्‍पणियां:

  1. deepti gupta

    शायरा संतोष,
    हमें तो आपकी रचना बड़ी दिलकश लगी! बाक़ी रही तकनीक की बात, वह तो आनंद पाठक जी ही खुलासा करेगें!!

    ढेर सराहना के साथ,
    दीप्ति

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  2. Santosh Bhauwala via yahoogroups.com

    शायरा संतोष ???

    अरे .....दीदी आपने अभी से ये उपाधि दे दी अभी तो दिल्ली दूर है अभी तो हमने चलना भी नहीं सीखा है !!!
    बस आप लोगो का,
    प्यार यों ही मिलता रहे
    जिंदगी रवाँ होती रहे

    संतोष भाऊवाला

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  3. प्रिय संतोष,

    तुम्हारी यह गज़ल वाकई इतनी उम्दा बनकर आई है कि तुम्हें 'शायरा' पुकारने का मन हो उठा! बहुत प्यारी और भावभीनी गज़ल है !

    एक बार फिर ढेर बधाई ....!
    सस्नेह,
    दीप्ति

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  4. Kanu Vankoti

    आदरणीय संतोष जी,

    निसंदेह गज़ल बहुत प्यारी है
    बहुत-बहुत बधाई !

    कनु

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  5. Indira Pratap via yahoogroups.com

    संतोषजी,
    इतनी बढ़िया ग़जल के लिए बहुत बहुत सराहना, इतनी आजिज़ी से न पुकारिए हम बड़े रहम दिल हैं कहीं चले ही न आएं| स्नेह इंदिरा

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  6. क्या बात है दिद्दा ....!

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  7. संतोष जी, उम्दा गज़ल के लिए मुबारकबाद!

    सादर,
    शिशिर

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  8. आदरणीया संतोष जी:

    // चाँदनी चाँद से होने को है जुदा
    रात भी ढल चली है चले आइए //

    बहुत खूब !

    अनेकानेक बधाई।

    विजय

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  9. आदरणीय,दीप्ती जी ,दिद्दा ,कनु जी, शिशिर जी, विजय जी, आप सभी ने गजल पसंद की, थोड़ी हिम्मत बढ़ी , अगर आनंद जी ने न सिखाया होता तो हम नहीं कर पाते इसीलिए असली हकदार आनंद जी हैं जिन्होंने अपना कीमती वक्त निकाल कर गलतियां बताई और इस गजल को संवार कर आप तक पहुँचाने लायक बनाया । आनंद जी का तहे दिल से शुक्रिया !
    कृपया आप सभी यूं ही आगे भी स्नेह बनाये रखें आभार !

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  10. देर आयद दुरुस्त आयद
    पिछले दोनों अंतर्जाल अनियमित रह. ग़ज़ल अब पढ़ सक. मन को खूब भायी . बधाई।

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  11. आदरणीय संजीव जी ,
    आपको गजल पसंद आई मेरे लिए गर्व की बात है अनेकानेक धन्यवाद !
    संतोष भाऊवाला

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