दोहा सलिला
हंसा ऊपर जा बसा
संजीव 'सलिल'
**
हंसा ऊपर जा बसा, किन्तु नाम है शेष।
मूल्य सनातन दे गया, जो वे रहे अशेष।।
*
सूरत की सीरत नहीं, बिसराते हैं लोग।
कल्पों पहले जो गए, उनका करते सोग।।
*
हल न महल ने यदि दिया, कुटिया देती तोड़।
मह-मह हरियाली करे, हल बंजरता छोड़।।
*
चैन न पाया इसलिए, चाहें तजना प्राण।
तब भी गर बेचैन तो, कैसे हों संप्राण।।
*
हर दिल में हैं प्रतिष्ठित, गौतम ईसा राम।
कृष्ण मुहम्मद दे रहे, सुन लें हम पैगाम।।
*
मन मन्दिर में भवानी, श्रृद्धा का है वास।
मिल ले 'सलिल' महेश से, हैं वे ही विश्वास।।
*
हंसा ऊपर जा बसा
संजीव 'सलिल'
**
हंसा ऊपर जा बसा, किन्तु नाम है शेष।
मूल्य सनातन दे गया, जो वे रहे अशेष।।
*
सूरत की सीरत नहीं, बिसराते हैं लोग।
कल्पों पहले जो गए, उनका करते सोग।।
*
हल न महल ने यदि दिया, कुटिया देती तोड़।
मह-मह हरियाली करे, हल बंजरता छोड़।।
*
चैन न पाया इसलिए, चाहें तजना प्राण।
तब भी गर बेचैन तो, कैसे हों संप्राण।।
*
हर दिल में हैं प्रतिष्ठित, गौतम ईसा राम।
कृष्ण मुहम्मद दे रहे, सुन लें हम पैगाम।।
*
मन मन्दिर में भवानी, श्रृद्धा का है वास।
मिल ले 'सलिल' महेश से, हैं वे ही विश्वास।।
*
kamlesh kumar diwan
जवाब देंहटाएंhansa upar ja basa ... sundar doha hai
- madhuvmsd@gmail.com
जवाब देंहटाएंसंजीव जी
बहुत बहुत सही कहा
सूरत की सीरत नहीं बिसराते हैं लोग
वास्तव में जो बिसर् जातें है उनकी किस कदर बातें करते हैं, उनके बारें में आदि-आदि ---
सुन्दर चित्रावली
मधु
- madhuvmsd@gmail.com
जवाब देंहटाएंसंजीव जी बहुत बहुत सही कहा
सूरत की सीरत नहीं बिसराते हैं लोग
वास्तव में जो बिसर् जातें है उनकी किस कदर बातें करते हैं, उनके बारें में आदि-आदि ---------
सुन्दर चित्रावली
मधु
- murarkasampatdevii@yahoo.co.in
जवाब देंहटाएंआ. सलील जी, बहुत सुन्दर दोहें हैं, बधाई.
सादर,
संपत
श्रीमती संपत देवी मुरारका
Smt. Sampat Devi Murarka
लेखिका, कवयित्री, पत्रकार
Writer,Poetess, Journalist
Hand Phone +91 94415 11238 / +91 93463 93809
Home +91 (040) 2475 1412 / Fax +91 (040) 4017 5842
http://bahuwachan.blogspot.com
आपका आभार शत-शत।
जवाब देंहटाएं