गुरुवार, 14 जून 2012

बाल मुक्तिका: हरियल तोता --संजीव 'सलिल'



बाल मुक्तिका:
हरियल तोता
संजीव 'सलिल'
*

*
सबका प्यारा हरियल तोता.
चुग्गा चुगता खुशियाँ बोता..



आसमान में उड़ते तोते
देख-देख मन ही मन रोता..



पिंजरे में सिर पटक-पटककर
अमन-चैन, सुध-बुध भी खोता..



नासमझी कर पलट कटोरी
पानी की- प्यासा ही सोता..



सुबह-सुबह जग राम-राम कह
सबको सुख देकर खुश होता..



भीगे चने मिर्च ताज़ा फल
रुच-रुच खाता ज्यों हो न्योता..



गर्मी लगती पंख भिगाता
फिर फैला पर सुखा-निचोता..



हीरामन को दिखती मैना.
नैन लड़ाता, दिल भी खोता..

***************


Acharya Sanjiv verma 'Salil'
http://divyanarmada.blogspot.com
http://hindihindi.in



5 टिप्‍पणियां:

  1. - pindira77@yahoo.co.in


    'hariyal tota ' sundar ati sundar rachana .

    agar kahiin mai tota hota to kya hota,udta niil gagan men,pinjde me (jiivan rupii pinjda) main yun n rota .

    shayad mera ptiuttar aapko achchha lage. pakshimujhe bahut priya hain.
    Regards,

    Indira Sharma

    जवाब देंहटाएं
  2. - kanuvankoti@yahoo.com


    आदरणीय संजीव जी ,
    सुन्दर....हरियल तोते की जय हो ! बचपन याद आ गया, जब मैं अपने मिठ्ठू को हरी मिर्च खिलाया करता था .
    इस प्यारी रचना के लिए साधुवाद
    सादर,
    कनु

    जवाब देंहटाएं
  3. sn Sharma ✆ द्वारा yahoogroups.comशुक्रवार, जून 15, 2012 8:22:00 pm

    sn Sharma ✆ द्वारा yahoogroups.com

    kavyadhara


    आ० आचार्य जी ,
    इस बाल-रचना के लिये साधुवाद !
    तुलसी की चौपाई याद आ गई -
    " पराधीन सपनेहु सुख नाहीं | करि विचार देखहु मनमाहीं ||
    सादर
    कमल

    जवाब देंहटाएं
  4. - kanuvankoti@yahoo.com

    आदरणीय संजीव जी ,
    सुन्दर...
    हरियल तोते की जय हो ! बचपन याद आ गया, जब मैं अपने मिठ्ठू को हरी मिर्च खिलाया करता था .
    इस प्यारी रचना के लिए साधुवाद
    सादर,
    कनु

    जवाब देंहटाएं
  5. vijay2 ✆ द्वारा yahoogroups.comरविवार, जून 17, 2012 11:04:00 am

    vijay2 ✆ द्वारा yahoogroups.com kavyadhara


    आ० सलिल जी,

    इतना मनोहारी बालगीत और उसके संग इन चित्रों के क्या कहने!

    बधाई ।

    विजय

    जवाब देंहटाएं