मंगलवार, 6 सितंबर 2011

दोहे पर्यावरण के: भारत की जय बोल --- संजीव 'सलिल'

दोहे पर्यावरण के :                                                               
भारत की जय बोल
-- संजीव 'सलिल'
*
वृक्ष देव देते सदा, प्राणवायु अनमोल.
पौधारोपण कीजिए, भारत की जय बोल..
*
पौधारोपण से मिले, पुत्र-यज्ञ का पुण्य.
पेड़ काटने से अधिक, पाप नहीं है अन्य..
*
माँ धरती के लिये हैं, पत्ते वस्त्र समान.
आभूषण फल-फूल हैं, सर पर छत्र वितान..
*
तरु-हत्या दुष्कर्म है, रह नर इससे दूर.
पौधारोपण कर मिले, तुझे पुण्य भरपूर..
*
पेड़ कटे, वर्षा घटे, जल का रहे अभाव.
पशु-पक्षी हों नष्ट तो, धरती तप्त अलाव..
*
जीवनदाता जल सदा, उपजाता है पौध.
कलकल कलरव से लगे, सारी दुनिया सौध..
*
पौधे बढ़कर पेड़ हों, मिलें फूल,फल, नीड़.
फुदक-फुदक शुक-सारिका, नाचें देखें भीड़..
*
पेड़ों पर झूले लगें, नभ छू लो तुम झूल.
बसें देवता-देवियाँ. काटो मत तुम भूल..
*
पीपल में हरि, नीम में, माता करें निवास.
शिव बसते हैं बेल में, पूजो रख विश्वास..
*
दुर्गा को जासौन प्रिय, हरि को हरसिंगार.
गणपति चाहें दूब को, करी सबसे प्यार..
*
शारद-लक्ष्मी कमल पर, 'सलिल' रहें आसीन.
पाट रहा तालाब नर, तभी हो रहा दीन..
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Acharya Sanjiv Salil

http://divyanarmada.blogspot.com

7 टिप्‍पणियां:

  1. Mukesh Srivastava ✆ आचार्य संजीव जी,

    पर्यायवरण और ब्रक्षों पर केन्द्रित इन दोहों में.
    जिस ख़ूबसूरती से भारतीय विश्वास और मान्यताओं
    को आपने पिरोया है, निःसंदेह अद्भुत और काबिले तारीफ
    है ,
    इक बार पुनः इन दोहों के लिए भी बधाई स्वीकार करें

    ई कविता के व्यास हैं श्री संजीव सलिल
    कर बद्ध तारीफ करूं, और नवाऊँ शीश

    मुकेश इलाहाबादी

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  2. बहुत ही सुन्दर रचना है बधाई स्वीकारें।

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  3. sn Sharma ✆ द्वारा yahoogroups.com ekavitaमंगलवार, सितंबर 06, 2011 10:29:00 pm

    आ० आचार्य जी,
    अति सुन्दर परियावर्णीय दोहे | विशेष -
    माँ धरती के लिये हैं, पत्ते वस्त्र समान.
    आभूषण फल-फूल हैं, सर पर छत्र वितान..
    सादर
    कमल

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  4. ati uttam rachna ke liya dhanyawad

    Ashish

    जवाब देंहटाएं
  5. कितने समाधान छुपाये हुए है इन वाक्यों में आप
    इसे सबको आद्योपांत पढ़ना चाहिए
    और इस पर अमल करना चाहिए |

    अचल वर्मा

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  6. - ashish_bhargava@yahoo.com

    ati uttam rachna ke liya dhanyawad

    Ashish

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