शनिवार, 13 अगस्त 2011

स्वतंत्रता दिवस पर विशेष गीत: सारा का सारा हिंदी है -----संजीव 'सलिल'

स्वतंत्रता दिवस पर विशेष गीत:

सारा का सारा हिंदी है

संजीव 'सलिल'
*

जो कुछ भी इस देश में है, सारा का सारा हिंदी है.
हर हिंदी भारत माँ के माथे की उज्ज्वल बिंदी है....*
मणिपुरी, कथकली, भरतनाट्यम, कुचपुडी, गरबा अपना है.
लेजिम, भंगड़ा, राई, डांडिया हर नूपुर का सपना है.
गंगा, यमुना, कावेरी, नर्मदा, चनाब, सोन, चम्बल,
ब्रम्हपुत्र, झेलम, रावी अठखेली करती हैं प्रति पल.
लहर-लहर जयगान गुंजाये, हिंद में है और हिंदी है.                                  
हर हिंदी भारत माँ के माथे की उज्ज्वल बिंदी है....
*
मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारा, गिरजा सबमें प्रभु एक समान.
प्यार लुटाओ जितना, उतना पाओ औरों से सम्मान.
स्नेह-सलिल में नित्य नहाकर, निर्माणों के दीप जलाकर.
बाधा, संकट, संघर्षों को गले लगाओ नित मुस्काकर.
पवन, वन्हि, जल, थल, नभ पावन, कण-कण तीरथ, हिंदी है.
हर हिंदी भारत माँ के माथे की उज्ज्वल बिंदी है....
*
जै-जैवन्ती, भीमपलासी, मालकौंस, ठुमरी, गांधार.
गजल, गीत, कविता, छंदों से छलक रहा है प्यार अपार.
अरावली, सतपुडा, हिमालय, मैकल, विन्ध्य, उत्तुंग शिखर.
ठहरे-ठहरे गाँव हमारे, आपाधापी लिए शहर.
कुटी, महल, अँगना, चौबारा, हर घर-द्वारा हिंदी है.
हर हिंदी भारत माँ के माथे की उज्ज्वल बिंदी है....*
सरसों, मका, बाजरा, चाँवल, गेहूँ, अरहर, मूँग, चना.
झुका किसी का मस्तक नीचे, 'सलिल' किसी का शीश तना.                   
कीर्तन, प्रेयर, सबद, प्रार्थना, बाईबिल, गीता, ग्रंथ, कुरान.
गौतम, गाँधी, नानक, अकबर, महावीर, शिव, राम महान.
रास कृष्ण का, तांडव शिव का, लास्य-हास्य सब हिंदी है.
हर हिंदी भारत माँ के माथे की उज्ज्वल बिंदी है....
*
ट्राम्बे, भाखरा, भेल, भिलाई, हरिकोटा, पोकरण रतन.
आर्यभट्ट, एपल, रोहिणी के पीछे अगणित छिपे जतन.
शिवा, प्रताप, सुभाष, भगत, रैदास कबीरा, मीरा, सूर.
तुलसी. चिश्ती, नामदेव, रामानुज लाये खुदाई नूर.
रमण, रवींद्र, विनोबा, नेहरु, जयप्रकाश भी हिंदी है.
हर हिंदी भारत माँ के माथे की उज्ज्वल बिंदी है....

******************************

Acharya Sanjiv Salil

http://divyanarmada.blogspot.com

15 टिप्‍पणियां:

  1. Acharya Ji,

    Pun: is geet ke maadhyam aapne dil jeet liya. Kitna sundar geet. Wah.......Wah......Wah.

    Regards,

    Mukesh

    Mukesh K.Tiwari
    Sent from BlackBerry® on Airtel

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  2. कविवर एक गरिमामय एवं शानदार गीत के लिए ढेर बधाई !
    हर अंतिम पंक्ति में बस 'उज्जवल' में संशोधन अपेक्षित है.
    'उज्ज्वल'
    सादर एवं सस्नेह
    दीप्ति

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  3. आत्मीय दीप्ति जी!
    वन्दे मातरम.
    टंकण त्रुटि की ओर ध्यान आकर्षित करने हेतु आभार.

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  4. आचार्य जी,
    बड़ी खूबसूरती से आपने भारत के हर
    विषय का समावेश करके जो रचना की है
    वो इतिहास भूगोल साहित्य भाषा और संस्कृति
    का अद्भुत योग बन गया है |
    बहुत बहुत धन्यबाद |


    Achal Verma

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  5. आपका यह गीत कंठस्त करलेने लायक बन पडा है |

    Your's ,

    Achal Verma

    --- On Sat, 8/13/11

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  6. sn Sharma ✆ द्वारा yahoogroups.com ekavitaशनिवार, अगस्त 13, 2011 3:04:00 pm

    वाह आचार्य जी ,
    आपने तो भरत का सारा भूगोल,इतिहास, सभ्यता और संस्कृति इसं एक कविता में
    बढ़े कौशल से वर्णन कर दिया | आपकी कला को नमन !
    सादर
    कमल

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  7. आदरणीय आचार्य जी ,
    आप, राष्ट्र भाषा हिंदी के माथे की बिंदी है !!
    सादर
    संतोष भाऊवाला

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  8. वाह संजीव जी- आप ने तो कुछ छोड़ा ही नहीं . भारत के प्रत्येक महत्त्वपूर्ण अंग,गुण, एवं विशेषता को बड़ी दक्षता से समेटा और इंगित किया है. बधाई.
    महेश चन्द्र द्विवेदी

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  9. shriprakash shukla ✆ द्वारा yahoogroups.com ekavitaरविवार, अगस्त 14, 2011 9:37:00 pm

    आदरणीय आचार्य जी,
    ह्रदय समेंटे निधियां भारत की, रचना उत्कृष्ट लुभावन है
    हिंदी हार गले का, विन्दियामाथे की, गहना पावन है
    अनेकानेक बधाईयों सहित,
    श्रीप्रकाश शुक्ल

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  10. आदरणीय आचार्य जी,
    वाह! कितना मज़ा आया ये पढ़ के - इस कविता का नाम भारत दर्शन होना चाहिए :)
    सादर शार्दुला

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  11. माता के शॄंगार, व्यवहार, मठ और सपूतों एवं उनकी कालजयी संस्कृति को नमन करती इस ऊर्जस्वी रचना हेतु बधाइयाँ.

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  12. Ganesh Jee "Bagi"
    जै-जैवन्ती, भीमपलासी, मालकौंस, ठुमरी, गांधार. गजल, गीत, कविता, छंदों से छलक रहा है प्यार अपार. आचार्य जी आपको पढ़ना सदैव ही सुखकर रहा है, इस रचना में बहुत ही व्यापकता है साधूवाद आपको | स्वतंत्रता दिवस की बधाई स्वीकार करें |

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  13. Sanjay Rajendraprasad Yadav
    ***आदरणीय आचार्य जी आपकी सरस-गंभीरता आपके प्रति आदर के भाव है.!बहुत ही सुंदर रचना***********

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  14. Arun Kumar Pandey 'Abhinav'
    आजादी के सकारात्मक और उल्लास के पहलू को उजागर करती रचना | इस सशक्त रचना के लिए नमन आचार्यवर ||

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  15. आपकी गुणग्राहकता को नमन.

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