गुरुवार, 12 मई 2011

नवगीत: कब होंगे आज़ाद????.... --- संजीव 'सलिल'

नवगीत
कब होंगे आज़ाद???...
संजीव 'सलिल'

*

कब होंगे आजाद?
कहो हम
कब होंगे आजाद?

गए विदेशी पर देशी
अंग्रेज कर रहे शासन
भाषण देतीं सरकारें पर दे
न सकीं हैं राशन
मंत्री से संतरी तक कुटिल
कुतंत्री बनकर गिद्ध-
नोच-खा रहे
भारत माँ को
ले चटखारे स्वाद
कब होंगे आजाद?
कहो हम
कब होंगे आजाद?

नेता-अफसर दुर्योधन हैं,
जज-वकील धृतराष्ट्र
धमकी देता सकल राष्ट्र
को खुले आम महाराष्ट्र
आँख दिखाते सभी
पड़ोसी, देख हमारी फूट-
अपने ही हाथों
अपना घर
करते हम बर्बाद
कब होंगे आजाद?
कहो हम
कब होगे आजाद?

खाप और फतवे हैं अपने
मेल-जोल में रोड़ा
भष्टाचारी चौराहे पर खाए
न जब तक कोड़ा
तब तक वीर शहीदों के
हम बन न सकेंगे वारिस-
श्रम की पूजा हो
समाज में
ध्वस्त न हो मर्याद
कब होंगे आजाद?
कहो हम
कब होंगे आजाद?

पनघट फिर आबाद हो
सकें, चौपालें जीवंत
अमराई में कोयल कूके,
काग न हो श्रीमंत
बौरा-गौरा साथ कर सकें
नवभारत निर्माण-
जन न्यायालय पहुँच
गाँव में
विनत सुनें फ़रियाद-
कब होंगे आजाद?
कहो हम
कब होंगे आजाद?

रीति-नीति, आचार-विचारों
भाषा का हो ज्ञान
समझ बढ़े तो सीखें
रुचिकर धर्म प्रीति
विज्ञान
सुर न असुर, हम आदम
यदि बन पायेंगे इंसान-
स्वर्ग तभी तो
हो पायेगा
धरती पर आबाद
कब होंगे आजाद?
कहो हम
कब होंगे आजाद?

****************

16 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर बात कही है बधाई

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत ही प्यारा देश भक्ति गीत |

    जवाब देंहटाएं
  3. रीति-नीति, आचार-विचारों
    भाषा का हो ज्ञान
    समझ बढ़े तो सीखें रुचिकर
    धर्म प्रीति विज्ञान
    सुर न असुर, हम
    आदम यदि बन पायेंगे इंसान-
    स्वर्ग तभी तो हो पायेगा
    धरती पर आबाद

    ...बहुत सुंदर नवगीत आचार्य जी...बधाई... नमन स्वीकार करें ....
    Gita Pandit 2:10pm May 12

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  4. Milatay nahi sahaj hi moti gahare pani mein,
    badhta duna utsah isi herani mein
    Virender Singh 6:14pm May 12

    जवाब देंहटाएं
  5. mana ki rukh hawao ka badla hua hai aaj,
    par yeh bhavar nahi jo desh bhakto ki kashti duba sake

    Virender Singh 6:12pm May 12

    जवाब देंहटाएं
  6. Ved Prakash Sharma 9:18pm Mar 25
    *
    सशक्त सामयिक सत्यता पूर्ण रचना के लिए बधाई *

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  7. आशुतोष …

    बहुत सुन्दर विचार..
    इस नवगीत की भावना को समझते हुए भारत को एक नयी क्रांति की जरुरत है...
    एक विप्लव करना होगा विकास के लिए जिसमें व्यवस्था के सम्पूर्ण विकल्प हों..
    May 15, 2011 1:06 PM

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  8. slil ji nv geet ka sundr nivhn vigt smy se kr rhe hain samajik srokaron ko geet me piro dena un ka vaishishtyhai bhartiy priprekshy me rchna krna un ki ek any mhtv poor visheshta hai
    poorvanchn blog ke aayojk bhai aashutosh ji ko sadhuvad hai hai ki aap ne slil ji jaise vrishth sahity ko is mnch pr prstut kr ke nmchka bhi gairv bdhaya hai
    is mnch ko v slil ji ko sadhuvad v shubhkamnyen
    ved vyathit

    जवाब देंहटाएं
  9. कौशलेन्द्र ने कहा…

    अंग्रेजों के प्रस्थान को ही हमने आज़ादी मान कर भारी भूल की है ...स्वाधीनता का संघर्ष सतत जारी रहना चाहिए था ....किन्तु जब जागे तब सबेरा ......राष्ट्रवादियों को एक मंच पर आकर संगठित हो पुनः स्वाधीनता संघर्ष के लिए तैयार हो जाया चाहिए. हम सब कुछ काल के हाथ में यूं ही नहीं छोड़ सकते . आखिर फिर पुरुषार्थ का क्या तात्पर्य ? सलिल जी को इस रचना के लिए मेरा नमन.

    आशुतोष जी ! अध्यक्ष के उत्तरदायित्वों का सफलतापूर्वक निर्वहन कर सकने के लिए आपको शुभकामनाएं. यह ब्लॉग अपने उद्देश्यों को प्राप्त कर सके इसके लिए परिश्रम के लिए तैयार हो जाइए.
    May 15, 2011 9:33 PM

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  10. Surendra shukl 'bhramar', poorvanchal blogमंगलवार, मई 17, 2011 2:04:00 pm

    Surendrashukla" Bhramar" ने कहा…

    संजीव सलिल जी -बहुत सुन्दर आह्वान हमारे प्रिय लोगों से -आइये सब मिल कुछ जोशो खरोश के साथ अच्छा करते बढते रहें और ये भारत के स्वर्ग के रूप में देखने का हमारा प्यारा सपना साकार होते देखें -निम्न बहुत सुन्दर

    सुर न असुर, हम आदम
    यदि बन पायेंगे इंसान-
    स्वर्ग तभी तो
    हो पायेगा
    धरती पर आबाद
    शुक्ल भ्रमर ५
    May 16, 2011 7:39 AM

    जवाब देंहटाएं
  11. गुणग्राहकता को नमन.
    वेद व्यथित हैं, भ्रमर दुखित हैं, कौन सुने फ़रियाद?
    आशुतोष संग कौशलेन्द्र चिंतित न मिटे मर्याद..
    कब होंगे आज़ाद.
    कहो हम कब होंगे आजाद?

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  12. bahoot sunder
    Satish Sharma 6:21am May 13

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  13. Asha Pandey Ojha Asha, swarachit kavita-gazalमंगलवार, मई 17, 2011 4:22:00 pm

    bahut umda
    Asha Pandey Ojha Asha 12:12pm May 13

    जवाब देंहटाएं
  14. Virender Singh 5:44am May 12

    Milatay nahi sahaj hi
    moti gahare pani mein,
    badhta duna utsah isi herani mein

    mana ki rukh hawao ka
    badla hua hai aaj,
    par yeh bhavar nahi jo
    desh bhakto ki kashti duba sake

    जवाब देंहटाएं
  15. आदरणीय आचार्य जी
    देश भक्ति गीत ओर आपकी देश भक्ति को नमन !!
    सादर संतोष

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  16. १३ मई
    आ० आचार्य जी,
    वर्तमान परिवेश की पीड़ा फूट बही है आपकी इस रचना में |
    साधुवाद ! विशेष -
    ' नेता अफसर दुर्योधन है जज वकील ध्रतराष्ट्र ' बड़ा सही आंकलन !

    कमल

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