रविवार, 28 फ़रवरी 2010

होली गीत: स्व. शांति देवी वर्मा

होली गीत:

स्व. शांति देवी वर्मा

होली खेलें सिया की सखियाँ
होली खेलें सिया की सखियाँ,
                       जनकपुर में छायो उल्लास....
रजत कलश में रंग घुले हैं, मलें अबीर सहास.
           होली खेलें सिया की सखियाँ...
रंगें चीर रघुनाथ लला का, करें हास-परिहास.
            होली खेलें सिया की सखियाँ...
एक कहे: 'पकडो, मुंह रंग दो, निकरे जी की हुलास.'
           होली खेलें सिया की सखियाँ...
दूजी कहे: 'कोऊ रंग चढ़े ना, श्याम रंग है खास.'
          होली खेलें सिया की सखियाँ...
सिया कहें: ' रंग अटल प्रीत का, कोऊ न अइयो पास.'
                  होली खेलें सिया की सखियाँ...
 सियाजी, श्यामल हैं प्रभु, कमल-भ्रमर आभास.
                   होली खेलें सिया की सखियाँ...
'शान्ति' निरख छवि, बलि-बलि जाए, अमिट दरस की प्यास.
                      होली खेलें सिया की सखियाँ...
***********
होली खेलें चारों भाई
होली खेलें चारों भाई, अवधपुरी के महलों में...
अंगना में कई हौज बनवाये, भांति-भांति के रंग घुलाये.
पिचकारी भर धूम मचाएं, अवधपुरी के महलों में...
राम-लखन पिचकारी चलायें, भारत-शत्रुघ्न अबीर लगायें.
लखें दशरथ होएं निहाल, अवधपुरी के महलों में...
सिया-श्रुतकीर्ति रंग में नहाई, उर्मिला-मांडवी चीन्ही न जाई.
हुए लाल-गुलाबी बाल, अवधपुरी के महलों में...
कौशल्या कैकेई सुमित्रा, तीनों माता लेंय बलेंयाँ.
पुरजन गायें मंगल फाग, अवधपुरी के महलों में...
मंत्री सुमंत्र भेंटते होली, नृप दशरथ से करें ठिठोली.
बूढे भी लगते जवान, अवधपुरी के महलों में...
दास लाये गुझिया-ठंडाई, हिल-मिल सबने मौज मनाई.
ढोल बजे फागें भी गाईं,अवधपुरी के महलों में...
दस दिश में सुख-आनंद छाया, हर मन फागुन में बौराया.
'शान्ति' संग त्यौहार मनाया, अवधपुरी के महलों में...
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साभार : संजीव 'सलिल', दिव्यनर्मदा.ब्लागस्पाट.कॉम

3 टिप्‍पणियां:

  1. सलिल जी प्रणाम आ जय भोजपुरी

    बहुत ही मनमोहक , भाव विभोर रचना बा , बहुत बहुत धन्यवाद्द बा एह पोस्ट खातिर
    =



    बांटे के बा प्यार सबका पे
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    रंग बिरंगा त्योहार ह ई
    हस मिल के बात करावे ला
    दोस्त त दोस्त दुश्मन के भी
    एगो नया दोस्त बनावे ला
    साथ चलल जाउ साथ रहल जाउ
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    बांटे के बा प्यार सबका पे
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    प्यार गुलाबी , दोस्ती बा हरियर
    दुलार बिखरल बा गुलाल मे
    भईया भउजी देवर शाली
    खेलत बा लो फगुवा ताल मे
    एह परम्परा के डुबे ना देब
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    बांटे के बा प्यार सबका पे
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    भोजपुरी के शान बढाईब
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    बांटे के बा प्यार सबका पे
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    देश हित मे कुछ कर गुजरब जा
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    बांटे के बा प्यार सबका पे
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे

    रउवा सब के फगुवा , नीमन , सुरक्षित , प्यार भरा और भाईचारा के बढावे वाला होखे बस इहे प्रार्थना बा उपर वाला से ।

    जय भोजपुरी

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  2. जय भोजपुरी, प्रणाम आ शुभ होली संजीव सलिल जी....

    बहुत उम्म्दा रचना बा .....एह रचना मे केतना स्वाक्षता बा केतना भाव भारल बा, केतना होली के प्रेम से लत्फत बा......
    बहुत निमन लगल ई लाइन ......


    दस दिश में सुख-आनंद छाया, हर मन फागुन में बौराया.
    'शान्ति' संग त्यौहार मनाया, अवधपुरी के महलों में...

    नवीन भैया प्रणाम आ जय भोजपुरी आ शुभ होली

    राउर त केवानो जोड़ नयिखे....

    बड़ा मनभावन लिखले बानी

    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    देश हित मे कुछ कर गुजरब जा
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे
    बांटे के बा प्यार सबका पे
    बस ई प्रण कई ली एह फगुवा मे

    जय भोजपुरी आ शुभ होली

    जवाब देंहटाएं
  3. आचार्य जी, एह बेहतरीन रचना के एहिजा पोस्ट करे खातिर धन्यवाद. होली के शुभकामना.

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