भोजपुरी गीतिका :
आचार्य संजीव 'सलिल'
पल मा तोला, पल मा मासा इहो साँच बा.
कोस-कोस प' बदल भासा इहो साँच बा..
राजा-परजा दूनो क हो गइल मुसीबत.
राजनीति कटहर के लासा इहो साँच बा..
जनगण के सेवा में लागल, बिरल काम बा.
अपना ला दस-बीस-पचासा, इहो साँच बा..
धँसल स्वार्थ मा साँसों के गाडी के पहिया.
सटते बनी गइल फुल्हों कांसा, इहो साँच बा..
सोन्ह गंध माटी के, महतारी के गोदी.
मुर्दों में दउरा दे सांसा, इहो साँच बा..
सून सपाट भयल पनघट, पौरा-चौबारा.
पौ बारा है नगर-सहर के, इहो साँच बा..
हे भासा-बोली के एकइ राम-कहानी.
जड़ जमीन मां जमा हरी है इहो साँच बा..
कुरसी के जय-जय ना कइल 'सलिल' एही से
असफलता के मिलल उंचासा, इहो साँच बा..
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Arun: gyanvardhak aur manmohini blog hai aapka, mehant jhalkati hai, mere site par bhi ek bar padharen, kripa hogi,
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंbadhiya
जवाब देंहटाएंjameen se judee rachna
जवाब देंहटाएंआप भोजपुरी में भी लिख लेते हैं. यह तो अब तक पता ही नहीं था. अच्छी रचना.
जवाब देंहटाएंसोन्ह गंध माटी के, महतारी के गोदी.
जवाब देंहटाएंमुर्दों में दउरा दे सांसा, इहो साँच बा..
आचार्य संजीव 'सलिल' जी प्रणाम आ जय भोजपुरी,
बहुत निमन राउर ई रचना बा
धन्यबाद
जय भोजपुरी
aacharya jee bahut sahi kahni raura ................
जवाब देंहटाएंRaur e rachna bahut hi achchha ba.................
dhanyawad
Jai bhojpuri.............
आचार्य जी ,
जवाब देंहटाएंभोजपुरिया प्रणाम !
लाजवाब रचना बा | अपना रचना के आशीर्वाद हमनी पर ऐसहीं बनवले रहीं |
जय भोजपुरी
SANJIV JII JAI BHOJPURI
जवाब देंहटाएंBAHUTE NIMAN RACHANA BAA
RAUR ANTIM LAIN SARA SACHAI BATA RAHAL BAA
कुरसी के जय-जय ना कइल 'सलिल' एही से
असफलता के मिलल उंचासा, इहो साँच बा..
AISIHI APAN RACHANA SE JAI BHOJPURI KE JAGAMAGAVT RAHI
JAI BHOJPURI
गजब !!! अतुलनीय !! अविस्मरणीय !! अदभुत !! सच्चाई !!
जवाब देंहटाएंसलिल जी प्रणाम आ जय भोजपुरी
राउर एक एक लाईन कोहिनुर के हीरा नियन बा आ चमक अईसन बा की वोह खातिर पुरनवासी के चनरमा के जरुरत नईखे । उ त अपने आप चमक रहल बा आ भोजपुरी के एगो अईसन साहित्यिक क्षेत्र के देखा रहल बा जवना से कम से कम हम त अनजान रहनी हा ।
राउर हर लाईन एक से बढिके के एक बा , आ रउवा हमनी लेखा तराशाल आदमी के दो घोंट पानी ना बलुक कुंवा खोन देत बानी जवना के पानी मीठ ही मीठ बा ।
साधुवाद बा !
जय भोजपुरी
सलिल जी ,
जवाब देंहटाएंराउर ई रचना बहुत उच्च कोटि के बा पढ़ के बहुत आनंद आ गईल .रौवा भोजपुरी साहित्य में केतना परिपक्व बानी ई साफ़ झलकता .....आशा बा आगे भी राउर एक से बढ़ के एक रचना से hamnika awgat होखब ja ......राउर मार्गदर्शन जय bhojpuri में अपेक्षित बा
धन्यवाद
जय भोजपुरी