दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

सोमवार, 29 नवंबर 2021

सहोक्ति अलंकार, छंद, ३६ मात्रिक, छंद २३ वार्णिक, नवगीत, प्रतिवस्तूपमा अलंकार,

›
एक मुक्तक * हमारा टर्न तो हरदम नवीन हो जाता तुम्हारा टर्न गया वक्त जो नहीं आता न फिक्र और की करना हमें सुहाता है हमारा टर्म द्रौपदी का चीर ह...
शनिवार, 27 नवंबर 2021

पुरोवाक, हाइकु, शशि पुरवार

›
पुरोवाक : 'जोगिनी गंध' - त्रिपदिक हाइकु प्रवहित निर्बंध आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' * भाषा सतत प्रवाहित सलिला की तरह निरंतर पर...

लघुकथा बर्दाश्तगी

›
लघुकथा बर्दाश्तगी * एक शायर मित्र ने आग्रह किया कि मैं उनके द्वारा संपादित किये जा रहे हम्द (उर्दू काव्य-विधा जिसमें परमेश्वर की प्रशंसा में...
शुक्रवार, 26 नवंबर 2021

लघुकथा नैवेद्य

›
लघुकथा नैवेद्य * - प्रभु! मैं तुम सबका सेवक हूँ। तुम सब मेरे आराध्य हो। मुझे आलीशान महल दो। ऊँचा वेतन, निशुल्क भोजन, भत्ते, गाड़ी, मुफ्त इला...

नवगीत

›
नवगीत : नीले-नीले कैनवास पर बादल-कलम पकड़ कर कोई आकृति अगिन बना देता है * मोह रही मन द्युति की चमकन डरा रहा मेघों का गर्जन सांय-सांय-सन पवन प...

मुक्तक, दोहा

›
मुक्तक: मेरी तो अनुभूति यही है शब्द ब्रम्ह लिखवा लेता निराकार साकार प्रेरणा बनकर कुछ कहला लेता मात्र उपकरण मानव भ्रमवश खुद को रचनाकार कहे दा...
गुरुवार, 25 नवंबर 2021

विवाह गीत

›
हिंदी चित्रपट से विवाह गीत  * जब तक पूरे न हों फेरे सात तब तक दुल्हिन नहीं दुल्हा की तब तक बबुनी नहीं बबुआ की अबही तो बबुआ पहली भँवर पड़ी है...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

योगदान देने वाला व्यक्ति

  • Divya Narmada
  • Manvanter Verma
  • Vivek Ranjan Shrivastava

:: संचालक मंडल ::

  • Divya Narmada
  • Manvanter Verma
  • Vivek Ranjan Shrivastava
Blogger द्वारा संचालित.