दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

शनिवार, 27 मार्च 2021

सामयिक दोहे

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सामयिक दोहे लोकतंत्र की हो गई, आज हार्ट-गति तेज? राजनीति को हार्ट ने, दिया सँदेसा भेज? वादा कर जुमला बता, करते मन की बात मनमानी को रोक दे, ...

नवगीत

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नवगीत  सच्ची बात * मेरे घर में हो प्रकाश तेरा घर बने मशाल * मेरा अनुभव है यही पैमाने हैं दो। मुझको रिश्वत खूब दो बाकी मगर न लो मैं तेरा रखता...

नवगीत

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नवगीत * ताप धरा का बढ़ा चैत में या तुम रूठीं? लू-लपटों में बन अमराई राहत देतीं। कभी दर्प की उच्च इमारत तपतीं-दहतीं। बाहों में आ, चाहों ने हार...

मधुमालती छंद

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छंद सलिला: मधुमालती छंद संजीव * लक्षण: जाति मानव, प्रति चरण मात्रा १४ मात्रा, यति ७-७, चरणांत गुरु लघु गुरु (रगण) होता है. लक्षण छंद: मधुमाल...

मनोरम छंद

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छंद सलिला:मनोरम छंद संजीव * लक्षण: समपाद मात्रिक छंद, जाति मानव, प्रति चरण मात्रा १४ मात्रा, चरणारंभ गुरु, चरणांत गुरु लघु लघु या लघु गुरु ग...

मुक्तिका

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मुक्तिका * नेताओं का शगल है, करना बहसें रोज. बिन कारण परिणाम के, क्यों नाहक है खोज.. नारी माता भगिनी है, नारी संगिनी दिव्य. सुता सखी भाभी बह...
शुक्रवार, 26 मार्च 2021

रैप सांग, कोरोना कर्फ्यू

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कर्फ्यू वंदना (रैप सौंग) * घर में घर कर बाहर मत जा बीबी जो दे खुश होकर खा ठेला-नुक्कड़ बिसरा भुख्खड़ बेमतलब की बोल न बातें हाँ में हाँ कर ...

दुर्गाष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र

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नवदुर्गा पर्व पर विशेष: श्री दुर्गाष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र हिंदी काव्यानुवाद * शिव बोलेः ‘हे पद्ममुखी! मैं कहता नाम एक सौ आठ। दुर्गा देवी हों...

मुक्तिका

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मुक्तिका * सुधियाँ तुम्हारी जब तहें अमृत-कलश तब हम गहें श्रम दीप मंज़िल ज्योति हो कोशिश शलभ हम मत दहें बन स्नेह सलिला बिन रुके नफरत मिटा बहत...

गीत कोरोना

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गीत कोरोना  * डरो नें कोरोना से गुइयाँ, जा जमराज-डिठौना अनाचार जो मानुस कर रै दुराचार कर के बे मर रै भार तनक घट रऔ धरती को संग गहूँ के घुन स...

मुक्तिका अर्णव-अरुण

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मुक्तिका * अर्णव-अरुण का सम्मिलन  जिस पल हुआ वह खास है श्री वास्तव में है वहीं जहँ हर हृदय में हुलास है श्रद्धा जगत जननी उमा शंकारि शिव विश्...

हास्य सलिला: उमर क़ैद

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  हास्य सलिला: उमर क़ैद * नोटिस पाकर कचहरी पहुँचे चुप दम साध. जज बोलीं: 'दिल चुराया, है चोरी अपराध..' हाथ जोड़ उत्तर दिया, 'क्षमा...

कुंडली दुर्गा

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  कुंडली देह दुर्ग में विराजित, दुर्ग-ईश्वरी आत्म तुम बिन कैसे अवतरित, हो भू पर परमात्म? हो भू पर परमात्म, दुर्ग है तन का बन्धन मन का बन्धन ...

समीक्षा ज़ख्म विद्यालाल

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पुस्तक सलिला- ज़ख्म - स्त्री विमर्श की लघुकथाएँ आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' * [पुस्तक विवरण- ज़ख्म, लघुकथा संग्रह, विद्या लाल, वर्ष २०१६...

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सामयिक गीत  कर फैसला कौन? संजीव * मन का भाव बुनावट में निखरा कढ़कर है जो भीतर से जगा, कौन उससे बढ़कर है? करे फैसला कौन?, कौन किससे बढ़कर है?? ...

दोहा होली

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दोहा सलिला: दोहा पिचकारी लिये संजीव 'सलिल' * दोहा पिचकारी लिये,फेंक रहा है रंग. बरजोरी कुंडलि करे, रोला कहे अभंग..  * नैन मटक्का कर ...

नवगीत: कब होंगे आज़ाद?

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नवगीत: कब होंगे आज़ाद? संजीव 'सलिल' *...

मुक्तक

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मुक्तक ममता को समता के पलड़े में कैसे हम तौल सकेंगे. मासूमों से कानूनों की परिभाषा क्या बोल सकेंगे? जिन्हें चाहिए लाड-प्यार की सरस हवा के शी...
गुरुवार, 25 मार्च 2021

सप्तश्लोकी दुर्गा काव्यानुवाद

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सप्तश्लोकी दुर्गा नवरात्रि और सप्तश्लोकी दुर्गा स्तोत्र हिंदी काव्यानुवाद सहित) * नवरात्रि पर्व में मां दुर्गा की आराधना हेतु नौ दिनों तक व्...

दोहा दुनिया

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दोहा दुनिया * रश्मि अभय रह कर करे, घोर तिमिर पर वार खुद को करले अलग तो, कैसे हो भाव-पार? * बाती जग उजयारती , दीपक पाता नाम रुके नहीं पर मदद ...
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