दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

मंगलवार, 23 फ़रवरी 2021

मुक्तिका

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मुक्तिका: संजीव . गीतों से अनुराग न होता जीवन कजरी-फाग न होता रास आस से कौन रचाता? मौसम पहने पाग न होता निशा उषा संध्या से मिलता कैसे सूरज आ...

समीक्षा हिंदी ग़ज़ल विश्वंभर शुक्ल

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कृति चर्चा: 'उम्र जैसे नदी हो गई' हिंदी गजल का सरस प्रवाह - आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' . [कृति विवरण: उम्र जैसे नदी हो गई, हि...

शिव-दोहावली

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शिव-दोहावली * हर शंका को दूर कर, रख शंकर से आस. श्रृद्धा-शिवा सदय रहें, यदि मन में विश्वास. * शिव नीला आकाश हैं, सविता रक्त सरोज रश्मि-उमा न...

कविता काव्य और जन-वेदना

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एक रचना काव्य और जन-वेदना * काव्य क्या? कुछ कल्पना कुछ सत्य है. यह नहीं जड़, चिरंतन चैतन्य है। देख पाते वह अदेखा जो रहा, कवि मनीषी को न कुछ अ...

लेख: हिग्स-बोसॉन कण

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लेख: हिग्स-बोसॉन कण – धर्म और विज्ञान की सांझी विरासत आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ . भारतीय दर्शन सृष्टि निर्माता को सृष्टि के प्रत्येक सूक्ष्म...

नवगीत डॉ. इसाक ‘अश्क’

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नवगीत डॉ. इसाक ‘अश्क’ * १.  गमलों खिले गुलाब हर सिंगार फिर झरे कुहासों के. दिन जैसे मधु रंगों में- बोरे, गौर गुलाबी- नयनों के डोरे, आँगन लौट...

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एक कविता धरती आचार्य संजीव संजीव 'सलिल' * धरती काम करने कहीं नहीं जाती पर वह कभी भी बेकाम नहीं होती. बादल बरसता है चुक जाता है. सूरज...
सोमवार, 22 फ़रवरी 2021

मुक्तिका

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मुक्तिका * कुछ सपने हैं, कुछ सवाल भी सादा लेकिन बाकमाल भी सावन - फागुन, ईद - दिवाली मिलकर हो जाते निहाल जी मौन निहारा जब जब तुमको चेहरा क्यो...

प्रसंग

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प्रसंग जबलपुर की २६ वी वर्ष ग्रंथि पर अनंत शुभकामना    * छबीला छब्बीस साल का हुआ प्रसंग मनोहर छवि देख-देख जग हुआ है दंग  साहित्य-कला-संस्कृ...

नवगीत है दुर्योधन

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नवगीत है दुर्योधन * गुरु से काम निकाल रहा, सम्मान जताना सीख न पाया है दुर्योधन. * कहते हैं इतिहास स्वयं को दुहराता है. सुनते हैं जो सबक न स...

सदोका

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ॐ​ सदोका पंचक * ई​ कविता में करते काव्य स्नान ​ कवि​-कवयित्रियाँ . सार्थक​ होता जन्म निरख कर दिव्य भाव छवियाँ। * ममता मिले मन-कुसुम खिले, सद...

मैथिली हाइकु

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मैथिली हाइकु (त्रुटियों हेतु क्षमा प्रार्थना सहित) १. ई दुनिया छै प्रभुक बनाओल प्रेम स रहू २. लिट्टी-चोखा मधुबनी पेंटिंग मिथिला केर ३. सभ सs...

नवगीत

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नवगीत भैया जी की जय * भाभी जी भाषण में बोलीं भैया जी की जय बोलो. * फ़िक्र तुम्हारी कर वे दुबले उतने ही जिंतने हैं बगुले बगुलों जैसा उजला कुरत...

नवगीत

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नवगीत संजीव . दहकते पलाश फिर पहाड़ों पर. . हुलस रहा फागुन बौराया है बौराया अमुआ इतराया है मदिराया महुआ खिल झाड़ों पर . विजया को घोंटता कबीरा ह...

चौबोला छंद

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छंद सलिला: १५ मात्रा का तैथिक छंद : चौबोला संजीव * लक्षण: २ पद, ४ चरण, प्रतिचरण १५ मात्रा, चरणान्त लघु गुरु लक्षण छंद: बाँचौ बोला तिथि पर कथ...
1 टिप्पणी:
रविवार, 21 फ़रवरी 2021

अठ म ग ल सवैया

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नया छंद अठ म ग ल सवैया विधान: ८ मगण + गुरु लघु प्रकार: २६ वार्णिक, ५१ मात्रिक छंद बातों ही बातों में, रातों ही रातों में, लूटेंगे-भागेंगे, व...

दोहा सलिला

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  दोहा शुभ प्रभात अरबों लुटा, कहो रहो बेफिक्र। चौकीदारी गजब की, सदियों होगा जिक्र।। * पिया मेघ परदेश में, बिजली प्रिय उदास। धरती सासू कह रही...

मैथिली गीत कांता राय

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मैथिली गीत  कांता राय  * आई अप्पन भाषाक दिन अछि। चैत मास मोन छल गाम जैतहूँ एही बेर नबका भातक संग खैइतहूँ पटुआ सागक लेर चैताबर में गबितहूँ हो...

नवगीत

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  नवगीत: अंतर में पल रही व्यथाएँ हम मुस्काएँ क्या? * चौकीदार न चोरी रोके वादे जुमलों को कब टोंके? संसद में है शोर बहुत पर नहीं बैंक में कुत्...

हाइकु / सदोका

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  आज की रचना- हाइकु हिंदी का फूल मैंने दिया, उसने अंग्रेजी फूल। * सदोका है चौकीदार वफादार लेकिन चोरियाँ होती रही। लुटती रहीं देश की तिजोरिय...
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