दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

शुक्रवार, 18 दिसंबर 2020

सरस्वती वंदना बृज

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सरस्वती वंदना बृज भाषा * सुरसती मैया की किरपा बिन, नैया पार करैगो कौन? बीनाबादिनि के दरसन बिन, भव से कओ तरैगो कौन? बेद-पुरान सास्त्र की मैया...
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सरायकी हाइकु

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  सरायकी हाइकु * लिखीज वेंदे तकदीर दा लेख मिसीज वेंदे * चीक-पुकार दिल पत्थर दा पसीज वेंदे * रूप सलोना मेडा होश-हवास वजीज वेंदे * दिल तो दिल ...
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समीक्षा दोहा दीप्त दिनेश, नीना उपाध्याय

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पुस्तक चर्चा:  कालजयी छंद दोहा का मणिदीप "दोहा दीप्त दिनेश" चर्चाकार: प्रो. नीना उपाध्याय  * आदर्शोन्मुखता, उदात्त दार्शनिकता और भ...

लघुकथा: ठण्ड

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लघुकथा: ठण्ड  * संजीव  बाप रे! ठण्ड तो हाड़ गलाए दे रही है। सूर्य देवता दिए की तरह दिख रहे हैं। कोहरा, बूँदाबाँदी, और बरछी की तरह चुभती ठंडी ...

मुक्तक

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मुक्तक जब तक चंद्र प्रकाश दे जब तक है आकाश। तब तक उद्यम कर सलिल किंचित हो न निराश।। * रौंद रहे कलियों को माली, गईँ बहारें रूठ। बगिया रेगिस्...

समीक्षा, सच कहूँ तो, निर्मल शुक्ल, नवगीत

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पुस्तक चर्चा- 'सच कहूँ तो' नवगीतों की अनूठी भाव भंगिमा आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' * [पुस्तक विवरण- सच कहूँ तो, नवगीत संग्रह, ...

नवगीत

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  नवगीत: पेशावर के नरपिशाच धिक्कार तुम्हें . दिल के टुकड़ों से खेली खूनी होली शर्मिंदा है शैतानों की भी टोली बना न सकते हो मस्तिष्क एक भी तु...

नवगीत

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  नवगीत: बस्ते घर से गए पर लौट न पाये आज बसने से पहले हुईं नष्ट बस्तियाँ आज . है दहशत का राज नदी खून की बह गयी लज्जा को भी लाज इस वहशत से आ ...
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