दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

मंगलवार, 27 अक्टूबर 2020

करवा चौथ

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एक रचना * अर्चना कर सत्य की, शिव-साधना सुन्दर करें। जग चलें गिर उठ बढ़ें, आराधना तम हर करें।। * कौन किसका है यहाँ?, छाया न देती साथ है। मोह-म...

दोहा सलिला

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दोहा सलिला * स्नेह-सलिल की लहर सम, बहिये जी भर मीत कूल न तोड़ें बाढ़ बन, यह जीवन की रीत * मिले प्रेरणा तो बने, दोहा गीत तुरंत सदा सदय माँ शारद...

मुक्तक

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मुक्तक * जीते जी मिलता प्यार नहीं, मरने पर बनते ताजमहल यह स्वाभाविक है, स्मृतियाँ बिन बिछड़े होती नहीं प्रबल क्यों दोष किसी को दें हम-तुम, जो...

नव कुण्डलिया

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  नव कुण्डलिया रात जा रही, उषा आ रही उषा आ रही, प्रात ला रही प्रात ला रही, गीत गा रही गीत गा रही, मीत भा रही मीत भा रही, जीत पा रही जीत पा ...

नवगीत

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नवगीत: चित्रगुप्त को पूज रहे हैं गुप्त चित्र आकार नहीं होता है साकार वही कथा कही आधार नहीं बुद्धिपूर्ण आचार नहीं बिन समझे हल बूझ रहे हैं कलम...

नवगीत:

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नवगीत: संजीव  * ऐसा कैसा पर्व मनाया ? * मनुज सभ्य है करते दावा बोल रहे कुदरत पर धावा कोई काम न करते सादा करते कभी न पूरा वादा अवसर पाकर स्वा...

दोहा सलिला

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दोहा सलिला  संजीव  * कथ्य भाव रस छंद लय, पंच तत्व की खान पड़े कान में ह्रदय छू, काव्य करे संप्राण मिलने हम मिल में गये, मिल न सके दिल साथ ह...
सोमवार, 26 अक्टूबर 2020

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संजीव सलिल : प्रतिनिधि रचनाएँ  हंसवाहिनी! * हे हंसवाहिनी ज्ञानदायिनी अम्ब विमल मति दे। जग सिरमौर बनाएँ भारत, वह बल विक्रम दे। * साहस शील हृद...

दिवाली मुकतक

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  दीपावली पर मुक्तकांजलि: संजीव 'सलिल' * सत्य-शिव-सुंदर का अनुसन्धान है दीपावली. सत-चित-आनंद का अनुगान है दीपावली.. प्रकृति-पर्यावरण...

नरक चौदस / रूप चतुर्दशी

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  नरक चौदस / रूप चतुर्दशी पर विशेष रचना: गीत संजीव 'सलिल' * असुर स्वर्ग को नरक बनाते उनका मरण बने त्यौहार. देव...

दोहा हिंदी

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दोहा सलिला  * हर पल हिंदी को जिएँ, दिवस न केवल एक। मानस मैया मानकर, पूजें सहित विवेक।। *

नवगीत: चित्रगुप्त

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नवगीत: चित्रगुप्त * चित्रगुप्त को पूज रहे हैं गुप्त चित्र आकार नहीं होता है साकार वही कथा कही आधार नहीं बुद्धिपूर्ण आचार नहीं बिन समझे हल बू...

मुकतक सलिला

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मुकतक सलिला  * संवेदना का जन्मदिवस नित्य ही मने दिल से दिल के तार जुड़ें, स्वर्ग भू बने वेदना तभी मिटे, सौहार्द्र-स्नेह हो- शांति का वितान दस...

'चित्रगुप्त ' और 'कायस्थ'- विजय राज बली माथुर

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'चित्रगुप्त ' और 'कायस्थ' क्या हैं ? विजय राज बली माथुर विजय माथुर पुत्र स्वर्गीय ताज राजबली माथुर,मूल रूप से दरियाबाद (बारा...

सलिल की राजस्थानी रचनाएँ

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सलिल की राजस्थानी रचनाएँ * १. मरियो साथै जाय  * घाघरियो घुमकाय मरवण घणी सुहाय * गोरा-गोरा गाल मरते दम मुसकाय * नैणा फोटू खैंच हिरदै लई मँढाय...

लक्ष्मी शर्मा

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लक्ष्मी शर्मा का रचना संसार  हिंदी  उपन्यास  १. काश्मीर का संताप २०१४ २००/- नमन प्रकाशन दिल्ली २. आदिशक्ति श्रीसीता २०१४ ३५०/- अयन प्रकाशन द...
रविवार, 25 अक्टूबर 2020

अवधी मिठास - दोहा प्रतियोगिता

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दोहा प्रतियोगिता १. ५४, २. ४१, ३. ५७, ४. ६१ ५. ५२, ६. ६४, ७. ६१ , ८. ६०।     प्रश्न : ०१. अनुराग तुकांत का प्रयोग करते हुए सुंदर दोहा लिखिए ...

धनतेरस

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लघुकथा: धनतेरस * वह कचरे के ढेर में रोज की तरह कुछ बीन रहा था, बुलाया तो चला आया। त्यौहार के दिन भी इस गंदगी में? घर कहाँ है? वहाँ साफ़-सफाई ...

क्या लिखूँ?

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एक रचना * क्या लिखूँ? कैसे लिखूँ? कब कुछ लिखूँ, बतलाइये? मत करें संकोच सच कहिये, नहीं शर्माइये। * मिली आज़ादी चलायें जीभ जब भी मन करे कौन होत...

कवि नागार्जुन

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बाबा नागार्जुन की एक सारगर्भित रचना  उनको प्रणाम * उनको प्रणाम! जो नहीं हो सके पूर्ण-काम मैं उनको करता हूँ प्रणाम। कुछ कंठित औ' कुछ लक्ष...
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