दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

बुधवार, 29 जुलाई 2020

भाषा चर्चा : महावीर शरण जैन

›
विमर्श  महावीरसरन  जैन   * ईरान की प्राचीन भाषा अवेस्ता में ‘स्’ ध्वनि नहीं बोली जाती थी। ‘स्’ को ‘ह्’ रूप में बोला जाता था। जैसे स...
मंगलवार, 28 जुलाई 2020

कृति समीक्षा : 'दिन कटे हैं धूप चुनते -अवनीश त्रिपाठी

›
कृति समीक्षा : 'दिन कटे हैं धूप चुनते' हौसले ले स्वप्न बुनते समीक्षाकार : आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' * [कृति विवर...

दोहा

›
दोहा  जब तक मन उन्मन न हो, तब तक तन्मय हो न शांति वरण करना अगर, कुछ अशान्ति भी बो न * तब तक कुछ मिलता कहाँ, जब तक तुम कुछ खो न. दूध पिला...

चौपाल चर्चाः - जाति

›
चौपाल चर्चाः - जाति  'जात' क्रिया (जना/जाया=जन्म दिया, जाया=जगजननी का एक नाम) से आशय 'जन्मना' होता है, जन्म देने की क्...
सोमवार, 27 जुलाई 2020

कार्यशाला दोहा से कुंडलिया

›
कार्यशाला दोहा से कुंडलिया * पोर पोर में है थकन, दर्द दर्द मे तान मन को धक्का मारते, सपने कुछ शैतान।  -शशि पुरवार सपने कुछ शैतान, नटखट...

एक रचना

›
एक रचना * अरुण अर्णव लाल-नीला अहम् तज मन रहे ढीला स्वार्थ करता लाल-पीला छंद लिखता नयन गीला संतुलन चाबी, न ताला बिना पेंदी का पतीला ...
1 टिप्पणी:

सरस्वती वंदना

›
 ॐ सरस्वती वंदना मतिमान माँ ममतामयी! द्युतिमान माँ करुणामयी विधि-विष्णु-हर पर की कृपा हर जीव ने तुमको जपा जिह्वा विराजो तारिणी! अजप...

सरस्वती वंदना अलंकार युक्त

›
सरस्वती वंदना अलंकार युक्त  * वाग्देवि वागीश्वरी, वरदा वर दे विज्ञ              - वृत्यानुप्रास  (आवृत्ति व्) कोकिल कंठी स्वर सजे, गीत ...

हिंदी में विदेश ध्वनियाँ

›
हिंदी में विदेश ध्वनियाँ जब हिन्दुस्तान में फ़ारसी भाषा प्रचलित हुई तब कुछ ऐसी ध्वनियों से हमारा परिचय हुआ जो हिन्दी ध्वनियों से भिन्न थी...

नागपंचमी सुधीर त्यागी

›
नागपंचमी सुधीर त्यागी * सूरज के आते भोर हुआ लाठी लेझिम का शोर हुआ यह नागपंचमी झम्मक-झम यह ढोल-ढमाका ढम्मक-ढम मल्लों की जब टोली निकली...

नवगीत

›
नवगीत * पीट रहे सिर भगतसिंह बिलख रहे आजाद * हिंदुस्तान गुलाम है करे इंडिया राज हिदी के सिर चढ़ रही इंग्लिश पहने ताज तंत्र छीनकर लो...

नवगीत

›
नवगीत * कौनऊ मैया की सुध लेओ * माँग भर दी संविधान ने पलट नई सुध लीनी राम नें अल्ला टेर सुन रए ईसा नें छत छीनी घर नें घाट की रई मताई...

दोहा सलिला

›
दोहा सलिला गरज-गरज कर जा रहे, बिन बरसे घन श्याम. शशि-मुख राधा मानकर, लिपटे क्या घनश्याम. * गुरु गुरुता पर्याय हो, खूब रहे सारल्य दृढ़ता म...

हास्य कुण्डलिया

›
हास्य कुण्डलिया * राम देव को देखकर, हनुमत लाल विभोर। श्याम देव के सँग में, बाल मचाते शोर।। बाल मचाते शोर, न चाहें योग करें सब। ...

क्षणिका - त्यागपत्र, जाँच, जय-जय, फिर क्यों?, गोष्ठी

›
क्षणिका १. त्यागपत्र * पद से त्यागपत्र पद की प्राप्ति हित अभूतपूर्व अनुष्ठान। * २. जाँच * सत्तासीन का हर झूठ सच। सताहीन का हर झूठ सच। किसी ...

बुंदेली नवगीत

›
बुंदेली नवगीत - * हम का कर रए? जे मत पूछो, तुम का कर रए जे बतलाओ? * हमरो स्याह सुफेद सरीखो तुमरो धौला कारो दीखो पंडज्जी ने नोंचो-खाओ हेर सन...

लोकगीत - भुन्सारे चिरैया

›
लोकगीत  - भुन्सारे चिरैया * नई आई, बब्बा! नई आई भुन्सारे चरैया नई आई * पीपर पै बैठत थी, काट दओ कैंने? काट दओ कैंने? रे काट दओ कैंने? डारी न...

लघुकथा: गरम आँसू

›
लघुकथा: गरम आँसू * टप टप टप चेहरे पर गिरती अश्रु-बूँदों से उसकी नीद खुल गयी, सास को चुपाते हुए कारण पूछा तो उसने कहा- 'बहु...

गीत कनैया नई सुदरो

›
गीत  कनैया नई सुदरो * नई सुदरो, बब्बा नई सुदरो मन कारो, कनैया नई सुदरो * कालिज मा जा खें नें खोलें किताबें भासन दें, गुंडों सें ऊधम कराबें ...

सामयिक फाग: दिल्ली के रंग

›
सामयिक फाग: दिल्ली के रंग * दिल्ली के रंग रँगो गुइयाँ। जुलुस मिलें दिन-रैन, लगें नारे कई बार सुनो गुइयाँ।। जे एन यू में बसो कनैया, उगले ज़हर...
‹
›
मुख्यपृष्ठ
वेब वर्शन देखें

योगदान देने वाला व्यक्ति

  • Divya Narmada
  • Manvanter Verma
  • Vivek Ranjan Shrivastava

:: संचालक मंडल ::

  • Divya Narmada
  • Manvanter Verma
  • Vivek Ranjan Shrivastava
Blogger द्वारा संचालित.