दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

शुक्रवार, 30 अगस्त 2019

ट्रू मीडिया रचनाकार

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ट्रू मीडिया ००१. कुमार अनुपम, बी २  हाउसिंग कॉलोनी सी कंकरबाग, पटना ८०००२०, चलभाष ९४३३११७८९७७ ००२. कालीपद प्रसाद मंडल, ४०३ ज्योति मीदास,...

सूचना सरस्वती स्तवन

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ॐ विश्ववाणी हिंदी संस्थान ४०१ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन जबलपुर ४८२००१ *** १११ सरस्वती वंदनाओं का संग्रह शीघ्र प्रकाशित हो रहा ...
बुधवार, 7 अगस्त 2019

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https://www.facebook.com/HappinessLifeOfficialPage/videos/352041935469932/UzpfSTEwMDAwOTYyODgxNTQzMDo5NzIwOTA1Mzk3ODg1NjQ/?id=1000096288154...

लघुकथा : सूरज दुबारा डूब गया

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लघुकथा : सूरज दुबारा डूब गया * 'आज सूरज दुबारा डूब गया', बरबस ही बेटे के मुँह से निकला। 'पापा गलत कह रहे हो,...

राष्ट्रनेत्री सुषमा स्वराज के प्रति भावांजलि

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राष्ट्रनेत्री सुषमा स्वराज के प्रति भावांजलि * शारद सुता विदा हुई, माँ शारद के लोक धरती माँ व्याकुल हुई, चाह न सकती रोक * सुषम...

लघुकथा शर संधान, निज स्वामित्व, दूषित वातावरण

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लघुकथा  शर संधान  * आजकल स्त्री विमर्श पर खूब लिख रही हो। 'लिव इन' की जमकर वकालत कर रहे हैं तुम्हारी रचनाओं के पात्र। मैं समझ सक...

लघुकथा बेपेंदी का लोटा

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लघुकथा बेपेंदी का लोटा * 'आज कल किसी का भरोसा नहीं, जो कुर्सी पर आया लोग उसी के गुणगान करने लगते हैं और स्वार्थ साधने की कोशिश करत...

ज्योतिष / वास्तु जन्म लग्न, रोग और भोजन पात्र

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ज्योतिष / वास्तु  जन्म लग्न, रोग और भोजन पात्र - मेष, सिंह, वृश्चिक लग्न- ताँबे के बर्तन पित्त, गुरदा, ह्रदय, श्रम भगंदर, यक्ष्मा आदि ...

चित्रगुप्त पूजन

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चित्रगुप्त पूजन क्यों और कैसे? श्री चित्रगुप्त का पूजन कायस्थों में प्रतिदिन प्रातः-संध्या में तथा विशेषकर यम द्वितीया को किया जाता ह...
मंगलवार, 6 अगस्त 2019

पुरोवाक - हौसलों ने दिए पंख गीतिका संग्रह आकुल

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ॐ  पुरोवाक  आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' * विश्ववाणी हिंदी का साहित्य सृजन विशेषकर छांदस साहित्य इस समय संक्रमण काल से गुजर र...

बाल गीत: बरसे पानी

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बाल गीत: बरसे पानी संजीव 'सलिल' * रिमझिम रिमझिम बरसे पानी. आओ, हम कर लें मनमानी. बड़े नासमझ कहते हमसे मत भीगो यह है नादानी. व...

नवगीत: आओ! तम से लड़ें...

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नवगीत: आओ! तम से लड़ें... संजीव 'सलिल' * आओ! तम से लड़ें, उजाला लायें जग में... *** माटी माता, कोख दीप है. मेहनत मुक्ता कोख सीप...

नवगीत- दलबन्दी की धूल

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नवगीत : संजीव  * संसद की दीवार पर  दलबन्दी की धूल  राजनीति की पौध पर अहंकार के शूल * राष्ट्रीय सरकार की है सचमुच दरकार स्वार्थ नदी में ...
सोमवार, 5 अगस्त 2019

मुक्तक

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मुक्तक  सखी-सहेली छाया धूप, जिसकी वह सूरज सा भूप जो अरूप क्या जाने लोक, कब किसको कहता है रूप कर्म कलश दे कीर्ति तुझे, व्यर्थ न बना मह...

दोहा वार्ता छाया शुक्ल, सलिल

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दोहा वार्ता * सबकुछ अपना मानिये, छाया तो प्रतिरूप । ढल जाती है वह सदा, रूप रूप व अरूप ।। छाया शुक्ल * गलती-ढलती है नहीं, लुकत...

गीत- करवट ले इतिहास

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आज विशेष करवट ले इतिहास * वंदे भारत-भारती करवट ले इतिहास हमसे कहता: 'शांत रह, कदम उठाओ ख़ास * दुनिया चाहे अलग हों, रहो मिलाये ह...

लेख: भाषा, काव्य और छंद

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                                                                   ॐ                      -: विश्व वाणी हिंदी संस्थान - समन्वय प्रकाशन...
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