दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

गुरुवार, 28 जून 2018

doha

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दोहा सलिला:   * हर्ष; खुशी; उल्लास; सुख, या आनंद-प्रमोद। हैं आकाश-कुसुम 'सलिल', अब आल्हाद विनोद । । * कहीं न हैपीनेस है,...

बरसाती गीत

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गीत: कजरारे बादल अविनाश ब्योहार  * अंबर पर छा रहे हैं कजरारे बादल।  नाच रहे हैं मोर बागन में, छम-छम बरसीं बूँदें आँगन में...
बुधवार, 27 जून 2018

दोहा सलिला:

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दोहे बूँदाबाँदी के: * झरझर बूँदे झर रहीं, करें पवन सँग नृत्य। पत्ते ताली बजाते,  मनुज हुए कृतकृत्य।। * माटी की सौंधी महक, दे तन-मन को...
मंगलवार, 26 जून 2018

साहित्य त्रिवेणी २०. लोकनाट्य और कर्मा गीतों में छंद

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शोधलेख: २०. लोकनाट्य और करमा-गीतों में छंद परंपरा    आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ * लोक-काव्य और लोक-नाट्य का साथ चोली-दामन का सा है....

साहित्य त्रिवेणी: सम्पादकीय

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सम्पादकीय: प्रिय पाठक! वंदे भारत-भारती।  साहित्य: अनुभूति को अभिव्यक्त करने की सुरुचि पूर्ण कला साहित्य की जन्मदात्री है। ’सहितस्य भा...

साहित्य त्रिवेणी ३ बुंदेली वाचिक काव्य में छंद- आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'

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३. बुंदेली वाचिक काव्य में छंद आचार्य संजीव वर्मा ‘साल वाचिक काव्य-परंपरा को लोकगीत भी कहा जाता है। इनमें जन-मन की अभिव्यक्ति का निश्छ...
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