दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

शुक्रवार, 25 अगस्त 2017

doha

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श्री गणेश २ * गणपति 'निजता' भेंट ले, आए हैं इस साल. अधिकारों की वृद्धि पा, हो कर्तव्य निहाल. * जनगण बढ़ते भाव...

shree ganesh vandana

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श्री गणेश १ * श्री गणेश! ऋद्धि-सिद्धिदाता!! घर आओ सुनाथ! शीश झुका,माथ हूँ नवाता, मत छोड़ो अनाथ. देव! घिरा देश संकटों से, ...
बुधवार, 23 अगस्त 2017

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आज का लेखा . प्रभु तो प्रभु है, ऊपर हो या नीचे हो. नहीं रेल के प्रभु सा आंखें मीचे हो. निचली श्रेणी की करता कुछ फ़िक्र न हो- ऊँची श्रेणी...

shringar geet

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- स्मृति के वातायन से चाँद वसुधा पर उतारूँ... नीरज के बाद गीत-रचना के फ़लक पर बहुत कम सितारे चमकते नज़र आते हैं। उन्हीं कम सितारो...

baal geet

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बाल गीत  पीहू  *** रुन-झुन करती आई  पीहू । सब बच्चों को भाई पीहू। .  बादल गरजे, तनिक न सहमी। बरखा लख मुस्काई पीहू। .  चम-चम बिजली दूर गि...

tripadik geet

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अभिनव प्रयोग  जनकछन्दी (त्रिपदिक) गीत  * मेघ न बरसे राम रे!  जन-मन तरसे साँवरे! कब आएँ घन श्याम रे!! * प्राण न ले ले घाम अब झुलस रहा है चाम...
मंगलवार, 22 अगस्त 2017

navgeet

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* प्रजातंत्र का अर्थ हो गया केर-बेर का संग * संविधान कर प्रावधान जो देता, लेता छीन सर्वशक्ति संपन्न लोग हैं ...
सोमवार, 21 अगस्त 2017

आज की बात

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षट्पदी- आत्मानुभूति कहाँ कब-कब हुआ पैदा, कहाँ कब-कब रहा डेरा? कौन जाने कहाँ कब-कब, किया कितने दिन बसेरा? है सुबह उठ हुआ पैदा, रात हर सो...
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