दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

शुक्रवार, 28 अप्रैल 2017

doha

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दोहा दुनिया  बात से बात  * बात बात से निकलती, करती अर्थ-अनर्थ  अपनी-अपनी दृष्टि है, क्या सार्थक क्या व्यर्थ?  * 'सर! हद सरहद की कहाँ?, ...
गुरुवार, 27 अप्रैल 2017

samachar

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अखिल भारतीय साहित्यकार एवं पत्रकार तृतीय सम्मेलन वर्ष २०१७ (स्व. गोपालराम गहमरी प्रसिद्ध जासूसी उपन्यासकार -स्व. श्रीमती सरोज सिंह स...
मंगलवार, 25 अप्रैल 2017

bundeli kahani

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बुंदेली कथा ४ मतलब के यार * एक जागीर खों जागीरदार भौतई परतापी, बहादुर, धर्मात्मा और दयालु हतो। बा धन-दौलत-जायदाद की देख-रेख जा समज कें ...
सोमवार, 24 अप्रैल 2017

navgeet

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एक रचना धरती की छाती पै होरा रओ रे सूरज भून। * दरक रे मैदान-खेत सब मुरझा रए खलिहान। माँगे सीतल पेय भिखारी ले न रुपया दान। संझा ने अ...
रविवार, 23 अप्रैल 2017

shatpadi

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एक षट्पदी * 'बुक डे' राह रोक कर हैं खड़े, 'बुक' ले पुलिस जवान वाहन रोकें 'बुक' करें, छोड़ें ले चालान छोड़ें ले चा...

chhand-bahar 11

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ॐ  छंद बहर का मूल है: १०  * छंद परिचय: संरचना:  SIS S SI SS /  SISS  SISS सूत्र: रतगग। आठ वार्णिक अनुष्टुप जातीय छंद। चौदह मात्रिक मान...

chhand-bahar 10

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ॐ  छंद बहर का मूल है: १०  * छंद परिचय: संरचना:  SIS S SI SS /  SISS  SISS सूत्र: रतगग। आठ वार्णिक अनुष्टुप जातीय छंद। चौदह मात्रिक मान...

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नवगीत  संजीव .  अलस्सुबह बाँस बना  ताज़ा अखबार. . फाँसी लगा किसान ने खबर बनाई खूब. पत्रकार-नेता गये चर्चाओं में डूब. जानेवाला गया है उनको तन...
शनिवार, 22 अप्रैल 2017

bundeli kahani

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बुंदेली कहानी मस्त रओ मस्ती में * मुतके दिना की बात है।  कहूँ दूर-दराज एक गाँव में एक ठो धुनका हतो। का कई ? धुनका का होत है, नई मालुम? ...

shiv tandava stotra hindi kavyanuvad

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'शिव-ताण्डव-स्तोत्र' का पद्यानुवाद स्व. बजरंग लाल जोशी ** ('शिव तांडव स्तोत्र' असत्य के प्रतिनिधि के रूप, हर दशहरे पर जिसक...

tripadi-muktak

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अभिनव प्रयोग  त्रिपदियाँ (सोलह मात्रिक संस्कारी जातीय छंद, पदांत गुरु) * तन्मय जिसमें रहें आप वो मूरत मन-मंदिर में भी हो तीन तलाक न ...

chhand-bahar

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छन्द बहर का मूल है ९  मुक्तिका: संजीव * पंद्रह वार्णिक, अति शर्करी जातीय सीता छंद. छब्बीस मात्रिक महाभागवत जातीय गीतिका छंद   मात्...

navgeet

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एक रचना फतवा * तुमने छींका हमें न भाया फतवा जारी। * ठेकेदार हमीं मजहब के। खासमखास हमई हैं रब के। जब चाहें कर लें निकाह फिर दें...

navgeet

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एक रचना * सत्ता-लाश नोचने आतुर गिद्ध, बाज, कऊआ. * जनमत के लोथड़े बटोरें पद के भूखे चंद चटोरे. दर-दर घूम समर्थन माँगें ले हाथों में ...
शुक्रवार, 21 अप्रैल 2017

navgeet

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एक रचना शेष है * दुनिया की उत्तम किताब हम खुद को पढ़ना मगर शेष है * पोथी पढ़-पढ़  थक हारे हैं बिना मौत खुद को मारे हैं ठाकुर हैं पर ...

bundeli kahani

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बुंदेली कहानी समझदारी * आज-काल की नईं, बात भौर दिनन की है। अपने जा बुंदेलखंड में चन्देलन की तूती बोलत हती। सकल परजा भाई-चारे कें...
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