दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

शनिवार, 18 फ़रवरी 2017

shubhra saxena

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शुभ्रा सक्सेना का कमाल-  अमरोहा में रिकॉर्ड मतदान   अमरोहा। जिलों में  लीक से हटकर काम करने के लिए हमेशा शासन से शाबासी पाने वालीं य...
गुरुवार, 16 फ़रवरी 2017

muktika, upendra vajra

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मुक्तिका वार्णिक छंद उपेन्द्रवज्रा – मापनी- १२१ २२१ १२१ २२ सूत्र- जगण तगण जगण दो गुरु तुकांत गुरु, पदांत गुरु गुरु ...

subhramar doha

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सुभ्रामर दोहा  [२७ वर्ण, ६ लघु, २१ गुरु] * छोटी मात्रा छै रहें, दोहा ले जी जीत सुभ्रामर बोलें इसे, जैसे मन का मीत * मैया राधा द्रौपदी...
मंगलवार, 14 फ़रवरी 2017

bhramar doha

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दोहा सलिला * [भ्रमर दोहा- २६ वर्ण, ४ लघु, २२ गुरु] मात्राएँ हों दीर्घ ही,  दोहा में बाईस भौंरे की गुंजार से, हो भौंरी को टीस * फैलुं...

valentine

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लघु कथा वैलेंटाइन * 'तुझे कितना समझाती हूँ, सुनता ही नहीं. उस छोरी को किसी न किसी बहाने कुछ न कुछ देता रहता है. इतने दिनों में ...
सोमवार, 13 फ़रवरी 2017

samaroh

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अखिल भारतीय गीतिका काव्योत्सव् एवं सम्मान समारोह भोपाल २१२-२-२०१७. स्वराज भवन भोपाल में अखिल भारतीय गीतिका काव्योत्सव् ...
शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017

gyarah matrik chhand

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ॐ ग्यारह मात्रिक छंद १. पदादि यगण यही चाहा हमने नहीं टूटें सपने शहीदी विरासतें न भूलें खुद अपने * २. पदादि मगण आओ! लें गले मिल भा...

muktak

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मुक्तक मुक्त मन से लिखें मुक्तक सुप्त को दें जगा मुक्तक तप्त को शीतल करेंगे लुप्त को लें बुला मुक्तक *

muktak

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मुक्तक मुझसे मेरे गीत न माँगो प्रिय पहले सी प्रीत न माँगो मन वीणा को झंकृत कर तुम साँसों का संगीत न माँगो *
गुरुवार, 9 फ़रवरी 2017

das matrik chhand

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दस  मात्रिक छंद २५. १० लघु मात्रा हर दम छल मत कर शुभ तज, अशुभ न वर पथ पर बढ़,  मत रुक नित नव करतब कर . 'सलिल' प्रवह कलकल सुख...
बुधवार, 8 फ़रवरी 2017

muktika

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एक मुक्तिका छंद- यौगिक जातीय विद्या छंद मापनी- २१२२ २१२२ २१२२ २१२२ बहर- फाइलातुन x ४ * फूलने दो बाग़ में गुंचे मिलेगी ...

doha

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क्रिकेट के दोहे  * चहल-पहल कर चहल ने, खड़ी करी है खाट  क्म्गेंदें ज्यादा विकेट, मारा धोबीपाट  * धोनी ने धो ही दिया, सब अंग्रजी ठाठ  बल...

das matik chhand

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दस मात्रिक छंद ९. पदांत यगण मनुआ! जग गा रे!     प्राची रवि लाई     ऊषा मुसकाई     रहा टेर कागा     पहुना सुधि आई     विधना झट ला रे!...

दोहा

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दोहा रोज-प्रप्रोज पठा रहा, नाती कैसा काल? पोता हो लव बर्ड तो, आ जाए भूचाल।। *

maithily haiku

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मैथिली हाइकु * स्नेह करब हमर मंत्र अछि गले लगबै *
मंगलवार, 7 फ़रवरी 2017

mukatak, kundali, vimarsh

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मुक्तक मेटते रह गए कब मिटीं दूरियाँ? पीटती ही रहीं, कब पिटी दूरियाँ? द्वैत मिटता कहाँ, लाख अद्वैत हो सच यही कुछ बढ़ीं, कुछ...
सोमवार, 6 फ़रवरी 2017

das maatrik chhand

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ॐ  दस मात्रिक छंद  १. पदादि यगण  सुनो हे धनन्जय! हुआ है न यह जग  किसी का कभी भी।  तुम्हारा, न मेरा करो मोह क्यों तुम? तजो ...
रविवार, 5 फ़रवरी 2017

gale mile doha yamak

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गले मिले दोहा-यमक * नारी पाती दो जगत, जब हो कन्यादान पाती है वरदान वह, भले न हो वर-दान * दिल न मिलाये रह गए, मात्...
शनिवार, 4 फ़रवरी 2017

muktak, muktika, kundalini

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मुक्तक कल्पना के बिना खेल होता नहीं  शब्द का शब्द से मेल होता यहीं  गिर 'सलिल' पर हुईं बिजलियाँ लुप्त खुद  कलप ना, कलपना व्यर्थ होत...
शुक्रवार, 3 फ़रवरी 2017

muktak

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मुक्तक * हुए मिथलेश के दर्शन, न झट क्यों जानकी आती? लिख रहे राम मन ही मन, अ-भेजी रह गयी पाती सुनैना ले सुनैना को हुईं जब सामने पल भर- ...
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