दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

मंगलवार, 25 अक्टूबर 2016

muktak

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प्रश्न-  आप फ़िल्मों में गीत क्यों नहीं लिखते? उत्तर  मुक्तक  * मैं औरों की धुन पर कलम चलाऊँ क्यों?, मिली प्रेरणा माँ से जो वह गाऊँगा...

geet

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एक रचना * क्या लिखूँ? कैसे लिखूँ? कब कुछ लिखूँ, बतलाइये? मत करें संकोच सच कहिये, नहीं शर्माइये। * मिली आज़ादी चलायें जीभ जब भी...
सोमवार, 24 अक्टूबर 2016

kundalini

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एक कुंडलिनी - दो कवि   * है मंदिर घर आपका / मेरे चारों धाम । मुझको इस घर से मिले/ जीवन के आयाम ।। - मिथलेश जीवन के आयाम, नाप लूँ गति-...

muktak

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प्रश्नोत्तरी मुक्तक- माँ की मूरत सजीं देख भी आइये।  कर प्रसादी ग्रहण पुण्य भी पाइये।।  मन में झाँकें विराजी हैं माता यहीं  मूँद लीजै नयन, क...

kavitta

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कवित्त  * राम-राम, श्याम-श्याम भजें, तजें नहीं काम  ऐसे संतों-साधुओं के पास न फटकिए।  रूप-रंग-देह ही हो इष्ट जिन नारियों का  भूलो ऐसे नारिय...

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मुक्तक  * पाक न तन्नक रहो पाक है? बाकी बची न कहूँ धाक है।।  सूपनखा सें चाल-चलन कर  काटी अपनें हाथ नाक है।। * वाह! शब्दों की क्या ख़ूब जा...

badhaaee geet - lori

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नया प्रयोग  बधाई गीत  * बधाई गाओ सखियों! झूला झुलाओ  लली न रोने पाए, गले से लगाओ  * नन्हें से हाथों में किस्मत की चाबी माथे पर काजल का टीका...

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पुस्तक सलिला – ‘रात अभी स्याह नहीं’ आशा से भरपूर गजलें आचार्य संजीव वर्मा ‘सलिल’ * [पुस्तक विवरण – रात अभी स्याह नहीं, अरुण अर...

muktak

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मुक्तक  * नेहा हों श्वास सभी  गेहा हो आस सभी  जब भी करिये प्रयास  देहा हों ख़ास सभी * अरिमर्दन सौमित्र कर सके शक-सेना का अंत कर सके विश्वासो...

laghukatha

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लघुकथा  कर्तव्य और अधिकार * मैं उन्हें 'गुरु' कहता हूँ, कहता ही नहीं मानता भी हूँ। मानूँ क्यों नहीं, उनसे बहुत कुछ सीखा भी है...

समीक्षा

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शीघ्र प्रकाश्य लघुकथा संकलन ‘आदमी जिंदा है’ प्राक्कथन डॉ. निशा तिवारी * ‘आदमी जिंदा है’ लघुकथा संग्रह मेरे अनुजवत संजीव रमा ‘सल...
बुधवार, 19 अक्टूबर 2016

समीक्षा

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पुस्तक सलिला – ‘चुप्पियाँ फिर गुनगुनाईं’ गीत की, नवगीत की आचार्य संजीव ...

samiksha

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पुस्तक समीक्षा-- काल है संक्रांति का...डा श्याम गुप्त * समीक्ष्य कृति- काल है संक्रांति का...रचनाकार- आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल...
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