दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

रविवार, 27 सितंबर 2015

गणेश वंदना

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विघ्नेश्वर गणेश जी की विदाई-बेला: प्रस्तुत आरती में जोड़ी गयी अंतिम दो पंक्तियाँ मूल पंक्तियों की तरह निर्दोष नहीं है. इस परं...
3 टिप्‍पणियां:
शनिवार, 26 सितंबर 2015

navgeet

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एक गीत: संजीव  * ह्रदय प्रफुल्लित  मुकुलित मन  अपनों से मिलकर * सद्भावों की क्यारी में प्रस्फुटित सुमन कुछ गंध बिखेरें अपनेपन की. स्नेहिल भ...

navgeet

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नवगीत: संजीव * एक शाम करना है मीत मुझे अपने भी नाम . अपनों से, सपनों से, मन नहीं भरा. अनजाने- अनदेखे से रहा डरा. परिवर्तन का मंचन जब कभी ह...

baal geet

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बाल रचनाएँ: १. श्रेया रानी श्रेया रानी खूब सयानी  प्यारी लगती कर नादानी पल में हँसे, रूठती पल में कभी लगे नानी की नानी चाहे मम्मी कभी ...

muktak

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मुक्तक: घाट पर ठहराव कहाँ?  राह में भटकाव कहाँ? चलते ही रहना है-  चाह में अटकाव कहाँ?

shlesh alankar

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: अलंकार चर्चा  ११ :   श्लेष अलंकार भिन्न अर्थ हों शब्द के, आवृत्ति केवल एक अलंकार है श्लेष यह, कहते सुधि सविवेक  किसी काव्य में एक ...
सोमवार, 21 सितंबर 2015

doha muktika:a

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दोहा मुक्तिका : जंगल-पर्वत मिटाकर, धरा कर रहा गर्म भोग रहा अंजाम पर, मनुज न करता शर्म * काम करो निष्काम रह, गीता में उपदेश कृष्ण दे ग...
शुक्रवार, 18 सितंबर 2015

alankar charcha : yamak alankar

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  :अलंकार चर्चा  ०९ :     यमक अलंकार  भिन्न अर्थ में शब्द की, हों आवृत्ति अनेक  अलंकार है यमक  यह, कहते सुधि सविवेक  पंक्तिय...
1 टिप्पणी:

alankar charcha punrukt prakash alankar

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:अलंकार चर्चा  ०९ :     शब्दावृत्तिमूलक अलंकार  शब्दों की आवृत्ति से, हो प्रभाव जब खास  शब्दालंकृत काव्य से, हो अधरों पर हास  ...

alankar charcha : vainsagai alankar

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:अलंकार चर्चा  ०८ :  वैणसगाई अलंकार     जब-जब अंतिम शब्द में, प्रथमाक्षर हो मीत  वैणसगाई जानिए, काव्य शास्त्र   की रीत   जब काव्...

alankar charcha: latanupras alankar

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:अलंकार चर्चा  ०७ :  लाटानुप्रास  अलंकार एक शब्द बहुबार हो, किन्तु अर्थ हो एक  अन्वय लाट अनुप्रास में,  रहे भिन्न सविवेक  जब क...
बुधवार, 16 सितंबर 2015

alankar charcha 7 : antyanupras alankar

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अलंकार चर्चा : ७    अन्त्यानुप्रास अलंकार  जब दो या अधिक शब्दों, वाक्यों या छंद के चरणों के अंत में अंतिम दो स्वरों की मध्य के  व्यंज...
1 टिप्पणी:
मंगलवार, 15 सितंबर 2015

चित्र पर रचना :

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चित्र पर रचना: यहाँ प्रस्तुत चित्र पर हिंदी के किसी प्रसिद्ध कवि की शैली में लिखिए। संभव हो तो मूल रचना भी दें. अपनी रचना भी प्रस्तुत कर...
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