दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

शनिवार, 22 अगस्त 2015

rochak charcha

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रोचक चर्चा: अगले २० वर्षों में मिटने-टूटनेवाले देश  साभार :  https://youtu.be/1vP3Ju7J4gk यू ट्यूब के उक्त अध्ययन के अनुसार अगले २० वर्षों ...

गीता गायन ३

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गीता गायन  अध्याय १  पूर्वाभास कड़ी ३.  * अभ्यास सद्गुणों का नित कर  जीवन मणि-मुक्ता सम शुचि हो  विश्वासमयी साधना सतत  कर तप: क्षेत्र जगती-त...

navgeet

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एक रचना संजीव * पीटो ढोल बजाओ मँजीरा  * भाग गया परदेशी शासन गूँज रहे निज देशी भाषण वीर शहीद स्वर्ग से हेरें मँहगा होता जाता राशन रँगे स...

geet

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एक रचना: संजीव * अरमानों की फसलें हर दिन ही कुदरत बोती है कुछ करने के लिए कभी भी देर नहीं होती है उठ आशीष दीजिए छोटों को महके फुलवारी न...

muktak

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मुक्तक संजीव * शहादतों को भूलकर सियासतों को जी रहे  पड़ोसियों से पिट रहे हैं और होंठ सी रहे कुर्सियों से प्यार है, न खुद पे ऐतबार है- नशा नि...

muktak

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एक मुक्तक: संजीव  * अहमियत न बात को जहाँ मिले  भेंट गले दिल-कली नहीं खिले  'सलिल' वहां व्यर्थ नहीं जाइए बंद हों जहाँ ह्रदय-नज़र किले...

muktika

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मुक्तिका: * तन माटी सा, मन सोना हो नभ चादर, धरा बिछौना हो साँसों की बहू नवेली का आसों के वर सँग गौना हो पछुआ लय, रस पुरवैय...
शुक्रवार, 14 अगस्त 2015

navgeet

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एक रचना: संजीव * सब्जी-चाँवल, आटा-दाल देख रसोई हुई निहाल * चूहा झाँके आँखें फाड़ बना कनस्तर खाली आड़   चूल्हा काँखा, विवश जला ज्यो...
गुरुवार, 13 अगस्त 2015

पुरस्कार समाचार

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अभिव्यक्ति:  ओमप्रकाश तिवारी तथा आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' पुरस्कृत  सभी पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभ कामनाएँ। स्व...
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