दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

गुरुवार, 25 सितंबर 2014

kaljayee kavita: sarveshwar dayal saxena

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कालजयी कविता  सर्वेश्वर दयाल सक्सेना  * इस दुनिया में आदमी की जान से बड़ा  कुछ भी नहीं है न ईश्‍वर न ज्ञान न चुनाव न संविधान इसके नाम प...
बुधवार, 24 सितंबर 2014

navgeet: sanjiv

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नवगीत   संजीव * इसरो को शाबाशी  किया अनूठा काम  'पैर जमाकर  भू पर नभ ले लूँ हाथों में'  कहा कभी  न्यूटन ने  स...
1 टिप्पणी:

navgeet: sanjiv

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नवगीत: संजीव * पानी-पानी हुए बादल आदमी की आँख में पानी नहीं बाकी बुआ-दादी हुईं मैख़ाना कभी साकी देखकर दुर्दशा मनु की पलट गयी ...

nav geet: sanjiv

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 नवगीत: असत कथा को सत्य नारायण  कह बाँचे पंडित जो पढ़ता पंडित  कब करता? बिना भोग कब  देव पिघलता? महिमा गाते  जिन मू...

bal kavita: sanjiv

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बाल कविता : भय को जीतो  संजीव  * बहुत पुरानी बात है मित्रों! तब मैं था छोटा सा बालक।  सुबह देर से उठना  मन को भाता था।  ...

navgeet: sanjiv

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नवगीत: संजीव  * अँगना सूना  बिन गौरैया  उषा उदास  न कलरव बाकी  गुमसुम है  मुँडेर वह बाँकी  शुक-शिशु  करे न  ता-ता-...
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geet: gopal baghel

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गोपाल बघेल 'मधु' Gopal Baghel 'Madhu' Greetings and gratitude with today's poem ७ जुलाई २०१४ सोमवार ०९:०९ आपकी आज...
मंगलवार, 23 सितंबर 2014

shaheed kanak lata baruaa: mridula sharma

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Mridula Sharma अमर शहीद कनकलता बरुआ ( जन्म- 22 दिसंबर, 1924; शहादत- 20 सितम्बर, 1942) भारत की ऐसी शहीद पुत्री थीं, जो भारतीय वी...

maa ki mahima : pawan pratap sinh rajput

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::::: माँ के नौ रूपों का वर्णन - छन्द सवैया ::::: पवन प्रताप सिंह राजपूत   चन्द्रप्रभा सम वर्ण अलौकिक, रूप अतुल्य सुरंजनकारी। ...
सोमवार, 22 सितंबर 2014

vimarsh: ucharan truti, maryada, vishwas -sanjiv

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विमर्श:  उच्चारण-त्रुटि दंडनीय क्यों??? संजीव  * भारत में विविध भाषा कुल के लोग हैं. वे सब अपनी मूलभाषा  का उच्चारण करते हैं. हम ...
5 टिप्‍पणियां:
रविवार, 21 सितंबर 2014

shabana azami, kundli aur samman : vijay raj bali mathur

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शबाना आज़मी को सम्मान क्यों? ---विजय राजबली माथुर हिंदुस्तान,लखनऊ, 05 अप्रैल 2012 को प्रकाशित चित्र जो राष्ट्रपति महोदया  से  ...
शनिवार, 20 सितंबर 2014

bramhanon ki kutilata:

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विमर्श: श्रम और बुद्धि  ब्राम्हणों ने अपनी श्रेष्ठता स्थापित करने के लिये ग्रंथों में अनेक निराधार, अवैज्ञानिक, समाज के लिए हानिप्रद औ...

navgeet: sanjiv

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नवगीत: संजीव * अजब निबंधन गज़ब प्रबंधन नायक मिलते सैनिक भिड़ते हाथ मिलें संग पैर न पड़ते चिंता करते फ़िक्र न हरते कूटनीति का नाटक...
4 टिप्‍पणियां:
शुक्रवार, 19 सितंबर 2014

geet shamiyana: sanjiv

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विमर्श: शामियाना गीत: धरा की शैया सुखद है अमित  नभ का शामियाना मनुज लेकिन संग तेरे कभी भी कुछ भी न जाना जोड़ता तू फिर रहा है मोह-त...

geet: harsingar muskaye -sanjiv

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  गीत: हरसिं गार मुस्काए   संजीव * खिलखिला यीं पल भर तुम हरसिंगार मुस्काए  अँखियों के पारिजात उठें-गिरें पलक-पात...
4 टिप्‍पणियां:

cheen hindu rashtra tha: alaknanda singh

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सच है कि...कभी हिंदू राष्‍ट्र था चीन -अलकनंदा सिंह  वैसे तो संपूर्ण जम्बूद्वीप पर हिन्दू साम्राज्य स्थापित था। जम्बूद्वीप के 9 ...
गुरुवार, 18 सितंबर 2014

kundali: sanjiv

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कुंडली: संजीव * चीनी सेना घुस रही, भारत में हे राम! स्वागत जिनपिंग का करें, हम तज शर्म तमाम हम तज शर्म तमाम, पसारे हाथ खड़े हैं है निव...

muktika sagar palampuri

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पहाड़ी मुक्तिका : कीह्याँ सैर मनाइये ? -  स्वर्गीय    ’साग़र’   पालमपुरी मँघयाइया   दा   ऐ   जोर   कीह्याँ   सैर   मनाइये   ...
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