दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

गुरुवार, 17 जुलाई 2014

parsaeenama :

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परसाईनामा : हरिशंकर परसाई अपनी मिसाल आप, न भूतो न भविष्यति  … बेचारा भला आदमी मैं देखता हूँ कि हर इस तरह का प्रशंसक 'भला' क...
बुधवार, 16 जुलाई 2014

हिंदी के मात्रिक छंद : २ ९ मात्रा के आंक जातीय छंद -संजीव

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ॐ हिंदी के मात्रिक छंद : २  ९ मात्रा के आंक जातीय छंद : गंग / निधि  संजीव * विश्व वाणी हिंदी का छांदस कोश अप्रतिम, अनन्य और असी...

चित्र-चित्र कविता- ःसंजीव

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चित्र-चित्र कविता संजीव * बंद आँख में स्वप्न अनेकों,  पलक उठें तो जग देखे. कहो किसी को क्यों रखने दूँ,  अपने ख्वाबों के लेखे? ...
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मंगलवार, 15 जुलाई 2014

हास्य रचनाः संजीव

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हास्य रचनाः नियति संजीव * सहते मम्मी जी का भाषण, पूज्य पिताश्री का फिर शासन भैया जीजी नयन तरेरें, सखी खूब लगवाये फेरे बंदा हलाकान हो जाए,...

दोहा

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एक दोहाः संजीव * बसता रूप अरूप में, या अरूप में रूप  जो रह्स्य यह जानता, उसका मन हो भूप  * 

ओशो उवाच

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विचार मन्थनः - ओशो.... आज्ञा चक्र की संभावना :- छठवां शरीर ब्रह्म शरीर है, कास्मिक बॉडी है; और छठवां केंद्र आज्ञा है। अब यह...
रविवार, 13 जुलाई 2014

गीतः सुग्गा बोलो -संजीव

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गीतः सुग्गा बोलो जय सिया राम... सन्जीव * सुग्गा बोलो जय सिया राम... * काने कौए कुर्सी को पकड़ सयाने बन बैठे भूल गये रुकना-झुकना ...

geet: kaha suna... sanjiv

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गीत: हम मिले…  संजीव * हम मिले बिछुड़ने को    कहा-सुना माफ़ करो... * पल भर ही साथ रहे हाथों में हाथ रहे. फूल शूल धूल लिये-...
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हुल्लड़ जी गए।

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 अब हुल्लड़ कौन करेगा??? अशोक चक्रधर  ओह! हुल्लड़ जी गए। सहज हास्य के ऐसे रचनाकार जल्दी जन्म नहीं लेते। मैंने उनके स...
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