दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

रविवार, 22 सितंबर 2013

muktak: betiyaan -salil

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मुक्तक सलिला : बेटियाँ संजीव * आस हैं, अरमान हैं, वरदान हैं ये बेटियाँ सच कहूँ माता-पिता की शान हैं ये बेटियाँ पैर पूजो या कलेजे से ल...
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hasya rachna: chana jor garam -sanjiv

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हास्य रचना: चना जोर गरम संजीव * चना जोर गरम बाबू ! मैं लाया मजेदार चना जोर गरम… * ममो मुट्ठी भर चना चबाये संसद को नित धता बताये ...

kavita: rivaz -kirti vardhan

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सामयिक कविता: रिवाज़ --- कीर्ति वर्धन                रहते थे एक घर में ,परिवार एक साथ, अकेले रहने का अब चल गया रिवाज़ | टूटने ...
शनिवार, 21 सितंबर 2013

doha salila: anuprasik dohe -sanjiv

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दोहा सलिला: कुछ दोहे अनुप्रास के संजीव * अजर अमर अक्षर अमित, अजित असित अवनीश अपराजित अनुपम अतुल, अभिनन्दन अमरीश * अंबर अवनि अनिल अनल...
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geet: dr. buddhinath mishra

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गीत:  हिन्दी अधिकारी डॉ. बुद्धिनाथ मिश्र   (ओएनजीसी के हिन्दी अधिकारी रह चुके डॉ. मिश्र ने हिन्दी अधिकारियों की पीड़ा और समस्याओं को...

geet : pratap singh

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मेरी पसंद: गीत  प्रताप सिंह इस तिमिर के पार उज्ज्वल रवि-सदन है रश्मियों का नृत्य, क्रीडा मधुरतम है अनिल उष्मित है प्रवा...
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geet: rakesh khandelwal

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गीत गुंजन: रंग भरने से…   राकेश खंडेलवाल  *  रंग भरने से इनकार दिन कर गया एक भ्रम में ब...
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शुक्रवार, 20 सितंबर 2013

muktak salila: sanjiv

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मुक्तक सलिला: संजीव * प्रभु ने हम पर किया भरोसा, दिया दर्द अनुपम उपहार धैर्य सहित कर कद्र, न विचलित हों हम, सादर कर स्वीकार जितनी प...

bhakti geet: -sanjiv

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भक्ति गीत: संजीव * हे प्रभु दीनानाथ दयानिधि कृपा करो, हर विघ्न हमारे. जब-जब पथ में छायें अँधेरे तब-तब आशा दीप जला रे…. * हममें तुम ...
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pitru tarpan (shraddh): SANJIV

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लेख - : पितृ-तर्पण : - पितृ तर्पण विधि: पितृ पक्ष की अवधि में मन-वचन तथा कर्म से सात्विक आचरण कर तामसिक वृत्तियों को नियंत्...
मंगलवार, 17 सितंबर 2013

doha salila: sanjiv

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:दोहा सलिला : गले मिले दोहा-यमक संजीव * चंद चंद तारों सहित, करे मौन गुणगान रजनी के सौंदर्य का, जब तक हो न विहान * जहाँ पनाह मिले वही...
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सोमवार, 16 सितंबर 2013

hasya kavita PAKODA s.n. sharma

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हास्य रचना एस.एन.शर्मा कमल * गंगाराम गए ससुराल आवभगत से हुए निहाल       बन कर आए गरम पकौडे       खाए छ...
रविवार, 15 सितंबर 2013

article: HINDI - pushp lata chaswal

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विशेष आअलेख: हिन्दी भाषा की मानकता पर सांस्कृतिक प्रभाव   पुष्प लता चसवाल  * भाषा भावों और विचारों की वाहक होती है जिसके म...
शनिवार, 14 सितंबर 2013

kundali: sanjiv

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कुंडली सलिला : संजीव * कुसुम बिना उद्यान हो, गंधहीन बेरंग काँटों को भाता नहीं, 'सलिल' कुसुम का संग 'सलिल' कुसुम...
शुक्रवार, 13 सितंबर 2013

doha salila: salil

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दोहा सलिला:  सामयिक दोहे:  संजीव  * हम जब घर से निकलते, पथ में मिलते श्वान भौंके तो होता नहीं, किंचित भी अपमान   जो सूरज पर ...

kundali: hindi ki jay -sanjiv

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संजीव 'सलिल' कुंडली (कुंडलिनी) छंद :. *   कुण्डलिनी चक्र आधारभूत ऊर्जा को जागृत कर ऊर्ध्वमुखी करता है. कुण्डलिनी छंद एक कथ्य ...
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ganesh vandana : sanjiv

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ॐ वक्रतुण्ड महाकाय, सूर्यकोटि समप्रभ निर्विघ्नं कुरु मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा * तिरछी सूँढ़ विशाल तन, कोटि सूर्य सम आभ देव! करें निर...
गुरुवार, 12 सितंबर 2013

TRIBUTE: Prof. Ronald Stuart McGregor

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श्रृद्धांजलि:  प्रो. रोनाल्ड स्टुअर्ट मक्ग्रेगोर कविता वाचक्नवी > http://vishvambharaa.blogspot. co.uk/2013/09/Ronald-Stuart- McGr...
बुधवार, 11 सितंबर 2013

geet:

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मेरी पसंद: गीत स्वीकारो मेरा अभिवादन * प्रोद्योगिकी सूचना वाली के इकलौते भाग्य विधाता तेरह घंटों से भी ज्यादा, नित...
मंगलवार, 10 सितंबर 2013

doha salila: doha-doha yamakmay sanjiv

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दोहा सलिला: दोहा-दोहा यमकमय संजीव * चरखा तेरी विरासत, ले चर खा तू देश किस्सा जल्दी ख़त्म कर, रहे न कुछ भी शेष * नट से करतब देखकर, रा...
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