दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

गुरुवार, 12 मई 2011

नवगीत: कब होंगे आज़ाद????.... --- संजीव 'सलिल'

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नवगीत कब होंगे आज़ाद???... संजीव 'सलिल' * कब होंगे आजाद? कहो हम कब होंगे आजाद? गए विदेशी पर देशी अंग्रेज कर रहे शासन भाष...
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बुधवार, 11 मई 2011

लघु कथा: फूल --- शिखा कौशिक

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लघु कथा: फूल शिखा कौशिक * सिमरन दो साल के बेटे विभु को लेकर जब से मायके आई थी उसका मन उचाट था |  गगन से जरा सी बात पर बहस ने ही उसे यहा...

मुक्तिका: जिस शाख पर ---संजीव 'सलिल'

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मुक्तिका: जिस शाख पर ---संजीव 'सलिल' * जिस शाख पर पंछी-पखेरू बस, नहीं पलते. वे वृक्ष तो फलकर भी दुनिया में नहीं फलते.. हैं ...

रचना-प्रतिरचना : - डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक" - संजीव 'सलिल'

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रचना-प्रतिरचना :  - डॉ. रूपचंद्र शास्त्री "मयंक"  - संजीव 'सलिल' मित्रों! बहुत पहले यह छोटी सी रचना लिखी थी जिसका शीर्...

रचना-प्रतिरचना: मैने दर्द कहा -- मैत्रेयी-संजीव 'सलिल'

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रचना-प्रतिरचना: मैत्रेयी-संजीव 'सलिल' कभी-कभी कोइ रचना मन को छू जाती है और कलम उसी पृष्ठभूमि पर खुद-ब-खुद चल पड़ती है. ऐसी रचन...
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मंगलवार, 10 मई 2011

चित्रगुप्त जयंती पर विशेष रचना: मातृ वंदना -- आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'

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चित्रगुप्त जयंती पर विशेष रचना: मातृ वंदना                                                                                    आचार्य संजीव ...
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सांगोपांग सिंहावलोकन छंद - घनाक्षरी कवित्त : नवीन चतुर्वेदी

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सांगोपांग सिंहावलोकन छंद - घनाक्षरी कवित्त नवीन चतुर्वेदी  कवित्त का विधान कुल ४ पंक्तियाँ हर पंक्ति ४ भागों / चरणों में विभाजित पहल...
सोमवार, 9 मई 2011

मुक्तिका: तुम क्या जानो --संजीव 'सलिल'

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मुक्तिका: तुम क्या जानो संजीव 'सलिल' * तुम क्या जानो कितना सुख है दर्दों की पहुनाई में. नाम हुआ करता आशिक का गली-गली रुसवाई मे...
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मंगलवार, 3 मई 2011

आरती: हे चित्रगुप्त भगवान्... -- संजीव वर्मा 'सलिल'

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आरती: हे चित्रगुप्त भगवान्... संजीव वर्मा 'सलिल' * हे चित्रगुप्त भगवान! करूँ गुणगान                   दया प्रभु कीजै, विनती मो...

मुक्तिका : दर्द अश्कों में - संजीव 'सलिल'

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मुक्तिका दर्द अश्कों में संजीव 'सलिल' * दर्द अश्कों में ढल गया होगा. ख्वाब आँखों में पल गया होगा.. छाछ वो फूँक-फूँक पीता है...
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मुक्तिका: हौसलों को ---- संजीव 'सलिल'

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मुक्तिका: हौसलों को संजीव 'सलिल' * हौसलों को किला कर देखो. अँगुलियों को छिला कर देखो.. ज़हर को कंठ में विहँस धारो. कभी मुर्द...
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मुक्तिका : आया है नव संवत्सर... डॉ. रामसनेही लाल शर्मा 'यायावर'

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मुक्तिका : आया है नव संवत्सर... डॉ. रामसनेही लाल शर्मा 'यायावर' * आया है नव संवत्सर आत्मालोचन का अवसर विश्व बने परिव...
सोमवार, 2 मई 2011

सत्‍य साईं: अवतार, भगवान, जादूगर या सेक्‍स का भूखा भेडि़या!

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सत्‍य साईं: अवतार, भगवान, जादूगर या सेक्‍स का भूखा भेडि़या! पुट्टापर्थी के सत्‍य साईं का निधन हो गया है। रविवार २४  अप्रैल की सुबह सात बजक...

चिंतन: सम्यक निद्रा के लिए ध्यान -- ओशो

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चिंतन: सम्यक निद्रा के लिए ध्यान ओशो   मनुष्य-जाति की सभ्यता के विकास में सबसे ज्यादा जिस चीज को हानि पहुंची है वह निद्रा है।...

चिट्ठाकारों का सम्मलेन दिल्ली में: रपट : अविनाश वाचस्पति. आभार नुक्कड़

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चिट्ठाकारों का सम्मलेन दिल्ली में:  रपट : अविनाश वाचस्पति. आभार नुक्कड़    हिन्‍दी ब्‍लॉगिंग में सिरमौर रवीन्‍द्र प्रभात और अविनाश वाचस्‍पत...

मुक्तिका: मैं -संजीव 'सलिल'

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मुक्तिका: मैं संजीव 'सलिल' * पुरा-पुरातन चिर नवीन मैं, अधुनातन हूँ सच मानो. कहा-अनकहा, सुना-अनसुना, किस्सा हूँ यह भी जानो.. क्षणभ...
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ताजमहल मकबरा नहीं तेजो महालय (तेजपुंज शिव का मंदिर)

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ताजमहल मकबरा नहीं तेजो महालय (तेजपुंज शिव का मंदिर) दुनिया के ७ आश्चर्यों में से एक  भारत के आगरा जिले में सहित ताजमहल को मुग़ल सम्...
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एक दूरलेखवार्ता (चैट): वार्ताकार: नवीन चतुर्वेदी-संजीव 'सलिल' विषय: भाषा में अन्य भाषाओँ के शब्दों का प्रयोग

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एक दूरलेखवार्ता (चैट): वार्ताकार: नवीन चतुर्वेदी-संजीव 'सलिल' विषय: हिंदी भाषा में अन्य भाषाओँ के शब्दों का प्रयोग:             नवीन...
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