दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

गुरुवार, 21 अक्टूबर 2010

सामायिक मुक्तिका : कहो कौन.... -- संजीव 'सलिल'

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सामायिक मुक्तिका : कहो कौन.... संजीव 'सलिल' * कहो कौन नेता है जिसने स्वार्थ-साधना करी नहीं. सत्ता पाकर सुख-सुविधा की हरी घास ...
बुधवार, 20 अक्टूबर 2010

दोहा सलिला: सुमन सुरभि सी श्वास संजीव 'सलिल'

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दोहा सलिला: सुमन सुरभि सी श्वास संजीव 'सलिल' * कलियों सा निष्पाप मन, सुमन सुरभि सी श्वास. वनमाली आशीष में, दे भँवरे सी आस.. ...
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बाल कविता: कोयल-बुलबुल की बातचीत --- संजीव 'सलिल'

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बाल कविता: कोयल-बुलबुल की बातचीत संजीव 'सलिल' * कुहुक-कुहुक कोयल कहे: 'बोलो मीठे बोल'. चहक-चहक बुलबुल कहे: 'बोल न...
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हिंदी शब्द सलिला : १३ अख से प्रारंभ शब्द : -- संजीव 'सलिल'

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हिंदी शब्द सलिला : १३      संजीव 'सलिल' * संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-...
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काव्यानुवाद : श्री आदि शंकराचार्य विरचित ॐ निर्वाण षडकम ----मृदुल कीर्ति जी

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ॐ निर्वाण षड्कम                                                          (श्री आदि शंकराचार्य द्वारा विरचित) हिन्दी काव्यानुवाद : मृदुल...
मंगलवार, 19 अक्टूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : १२ अ से प्रारंभ शब्द : १२ --- संजीव 'सलिल'

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हिंदी शब्द सलिला : १२     संजीव 'सलिल' * संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर...

लेख : मुक्तिका क्या है? --संजीव 'सलिल'

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लेख : मुक्तिका क्या है? संजीव 'सलिल' * - मुक्तिका वह पद्य रचना है जिसका- १. प्रथम, द्वितीय तथा उसके बाद हर सम या दूसरा पद पदा...
सोमवार, 18 अक्टूबर 2010

स्वास्थ्य सलिला: मात्र एक रुपये में स्वच्छ करें अपनी किडनी ---विजय कौशल

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स्वास्थ्य सलिला:   मात्र एक रुपये में स्वच्छ करें अपनी किडनी   विजय कौशल   *     बरसों हो गये हमारी किडनियाँ लगातार बिना थके, बिना रुके, ...

हिंदी शब्द सलिला : ११ अ से प्रारंभ शब्द : ११ --- संजीव 'सलिल'

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हिंदी शब्द सलिला : ११     संजीव 'सलिल' * संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थश...

दोहा सलिला: जिज्ञासा ही धर्म है संजीव 'सलिल'

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दोहा सलिला: जिज्ञासा ही धर्म है संजीव 'सलिल'  * धर्म बताता है यही, निराकार है ईश. सुनते अनहद नाद हैं, ऋषि, मुनि, संत, महीश...
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हिंदी शब्द सलिला : १० अ से प्रारंभ होनेवाले शब्द : १० संजीव 'सलिल'

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हिंदी शब्द सलिला : १०    संजीव 'सलिल' * संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्...

विशेष लेख- भारत में उर्दू : संजीव 'सलिल'

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विशेष लेख- भारत में उर्दू :  संजीव 'सलिल' * भारत विभिन्न भाषाओँ का देश है जिनमें से एक उर्दू भी है. मुग़ल फौजों द्वा...
रविवार, 17 अक्टूबर 2010

विशेष लेख- भारत में उर्दू :

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विशेष लेख- भारत में उर्दू :  भारत विभिन्न भाषाओँ का देश है जिनमें से एक उर्दू भी है. मुग़ल फौजों द्वारा आक्रमण में विजय पाने के बाद...

मुक्तिका : बन-ठन कर संजीव 'सलिल'

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मुक्तिका : बन-ठन कर संजीव 'सलिल' * बन-ठन कर निकले हो घर से किसका चित्त लुभाना है अधर-बाँसुरी, मन-मैया, राधा संग रास रचाना है....
शनिवार, 16 अक्टूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : ९ अ से प्रारंभ होनेवाले शब्द : ९ --- संजीव 'सलिल'

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हिंदी शब्द सलिला : ९   संजीव 'सलिल' * संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्...
शुक्रवार, 15 अक्टूबर 2010

हिंदी शब्द सलिला : ८ अ से प्रारंभ होनेवाले शब्द : ८ --संजीव 'सलिल'

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हिंदी शब्द सलिला : ८  संजीव 'सलिल' * संकेत : अ.-अव्यय, अर. अरबी, अक्रि.-अकर्मक क्रिया, अप्र.-अप्रचलित, अर्थ.-अर्थशास्त्र...

विजयादशमी पर विशेष : आओ हम सब राम बनें --- डॉ. अ. कीर्तिवर्धन

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विजयादशमी पर विशेष :   आओ हम सब राम बनें   डॉ. अ. कीर्तिवर्धन, मुजफ्फरपुर * त्रेता युग मे राम हुए थे रावण का संहार किया द्वापर मे श्री कृ...

दशहरे पर विशेष प्रस्तुति : दोहा सलिला ---- - आचार्य संजीव वर्मा "सलिल"

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दशहरे पर विशेष प्रस्तुति : दोहा सलिला रावण बाहर है नहीं, मन में रावण मार  - आचार्य संजीव वर्मा "सलिल" रचनाकार परिचय:- ...
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मशीन पठनीय शब्दकोश [तकनीकी आलेख] - डॉ. काजल बाजपेयी

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मशीन पठनीय शब्दकोश [तकनीकी आलेख] - डॉ. काजल बाजपेयी सभ्यता और संस्कृति के उदय से ही मानव जान गया था कि भाव के सही संप्रेषण के लिए सही अभ...

मुक्तिका: कुछ पड़े हैं ----संजीव 'सलिल'

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मुक्तिका: कुछ पड़े हैं संजीव 'सलिल' * कुछ पड़े हैं, कुछ खड़े हैं. ऐंठकर कुछ चुप अड़े हैं.. बोल दो, कुछ भी कहीं भी. ज्यों की त्...
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