दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

रविवार, 18 अप्रैल 2010

म. प्र. में ग्रामीण फीडर विभक्तिकरण की महत्वपूर्ण योजना विवेक रंजन श्रीवास्तव

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म. प्र. में ग्रामीण फीडर विभक्तिकरण की महत्वपूर्ण योजना विवेक रंजन श्रीवास्तव अतिरिक्त अधीक्षण इंजीनियर ओ बी ११ , म.प्र. राज्य विद्युत म...

अमिताभ श्रीवास्तव का किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में चयन

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अमिताभ श्रीवास्तव का किशोर वैज्ञानिक प्रोत्साहन योजना में चयन भारत सरकार के विज्ञान और तकनीकी विभाग द्वारा प्रायोजित किशोर वैज्ञानिक प्रोत...
शनिवार, 17 अप्रैल 2010

दोहे आँख के... संजीव 'सलिल'

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कही कहानी आँख की, मिला आँख से आँख. आँख दिखाकर आँख को, बढ़ी आँख की साख.. आँख-आँख में डूबकर, बसी आँख में मौन. आँख-आँख से लड़ पड़ी, कहो जयी ह...
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गुरुवार, 15 अप्रैल 2010

छत्तीसगढ़ी में दोहा: --संजीव 'सलिल'

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छत्तीसगढ़ी में दोहा:  --संजीव 'सलिल' हमर देस के गाँव मा, सुन्हा सुरुज विहान. अरघ देहे बद अंजुरी, रीती रोय  किसान.. जिनगानी क...
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शनिवार, 10 अप्रैल 2010

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लिमटी खरे को 'संवाद सम्मान ' (शुक्रवार /09 अप्रैल 2010 / नई दिल्ली / मीडिया मंच ...
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सूचना

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आत्मीयों! वन्दे मातरम. मैं ११ से १४ अप्रैल तक बिलासपुर छत्तीसगढ़ में हूँ. संपर्क सूत्र: द्वारा प्रो. सत्य सहाय, ७३ गायत्री मर्ग, विद्या...

प्यार के दोहे: तन-मन हैं रथ-सारथी --संजीव 'सलिल'

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प्यार के दोहे: तन-मन हैं रथ-सारथी संजीव 'सलिल' दो पहलू हैं एक ही, सिक्के के नर-नार. दोनों में पलता सतत, आदि काल से प्यार.. प्...

नवगीत: करो बुवाई... --संजीव 'सलिल'

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नवगीत: करो बुवाई... संजीव 'सलिल' * खेत गोड़कर करो बुवाई... * ऊसर-बंजर जमीं कड़ी है. मँहगाई जी-जाल बड़ी है. सच मुश्किल की...
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शुक्रवार, 9 अप्रैल 2010

नवगीत: करना होगा.... --संजीव 'सलिल'

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नवगीत: करना होगा... हमको कुछ तो करना होगा... *** देखे दोष, दिखाए भी हैं. लांछन लगे, लगाये भी है. गिरे-उठे भरमाये भी हैं. खुद से ...
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नवगीत: चलो! कुछ गायें.... --संजीव 'सलिल'

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नवगीत: चलो! कुछ गायें... संजीव 'सलिल' क्यों है मौन? चलो कुछ गायें... * माना अँधियारा गहरा है. माना पग-पग पर पहरा है. माना...

नवगीत: आओ! तम से लड़ें... --संजीव 'सलिल'

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नवगीत: आओ! तम से लड़ें... संजीव 'सलिल' आओ! तम से लड़ें, उजाला लायें जग में... *** माटी माता, कोख दीप है. मेहनत मुक्ता ...
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दिल के दोहे: संजीव वर्मा 'सलिल'

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दिल ने दिल में झाँककर, दिल का कर दीदार. दिलवर से हँसकर कहा- 'मैं कुरबां सरकार'. दिल ने दिल को दिल दिया, दिल में दिल को देख. दि...
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गुरुवार, 8 अप्रैल 2010

भोजपुरी दोहे: संजीव 'सलिल'

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भोजपुरी दोहे: संजीव 'सलिल' रूप धधा के मोर जस, नचली सहरी नार. गोड़ देख ली छा गइल, घिरना- भागा यार.. * बाग़-बगीचा जाई के, खाइल पाकल...
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बुधवार, 7 अप्रैल 2010

स्तुति: : हर-हर गंगे... संजीव 'सलिल'

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स्तुति: : हर-हर गंगे... संजीव 'सलिल' हर-हर गंगे...,हर-हर गंगे... * सदियों से तुम सतत प्रवाहित परिवर्तन की बनीं गवाही. तुम...
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मंगलवार, 6 अप्रैल 2010

बाल कविता: मेरी माता! संजीव 'सलिल'

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मेरी मैया!, मेरी माता!! * किसने मुझको जन्म दिया है? प्राणों से बढ़ प्यार किया है. किसकी आँखों का मैं तारा? किसने पल-पल मुझे जिया है? ...
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लघु कथा: शब्द और अर्थ --संजीव वर्मा "सलिल "

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लघु कथा: शब्द और अर्थ संजीव वर्मा "सलिल " शब्द कोशकार ने अपना कार्य समाप्त किया...कमर सीधी कर लूँ , सोचते हुए लेटा कि काम की म...
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ख़बरदार कविता: सानिया-शोएब प्रकरण: संजीव 'सलिल'

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छोड़ एक को दूसरे का थामा है हाथ. शीश झुकायें या कहों तनिक झुकायें माथ.. कोई किसी से कम नहीं, ये क्या जानें प्रीत. धन-प्रचार ही बन गया, इन...
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सोमवार, 5 अप्रैल 2010

प्रतिभा: नीना वर्मा- एक उदीयमान कवयित्री

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प्रतिभा: नीना वर्मा- एक उदीयमान कवयित्री महाराष्ट्र सरकार के महालेखाकार कार्यालय में अंकेक्षण निदेशक के पद पर कार्यरत नीना वर्मा समृद्ध सा...

खबरदार कविता: हमारी सरहद पर इंच-इंच कर कब्ज़ा किया जा रहा है --सलिल

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खबरदार कविता: खबर: हमारी सरहद पर इंच-इंच कर कब्ज़ा किया जा रहा है. दोहा गजल: संजीव 'सलिल' कदम-कदम घुस रहा है, कर सरहद को पार. ...
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गुरुवार, 1 अप्रैल 2010

सामयिक दोहे: -संजीव 'सलिल'

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झूठा है सारा जगत , माया कहते संत. सार नहीं इसमें तनिक, और नहीं कुछ तंत.. झूठ कहा मैंने जिसे, जग कहता है सत्य. और जिसे सच मानता, जग को लग...
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