दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

गुरुवार, 31 दिसंबर 2009

काव्यांजलि : शुभकामनायें सभी को... संजीव वर्मा 'सलिल'

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शुभकामनायें सभी को... आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल' शुभकामनायें सभी को, आगत नवोदित साल की, शुभ की करें सब साधना, चाहत समय खुशहाल क...
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बुधवार, 30 दिसंबर 2009

नव वर्ष पर नवगीत: महाकाल के महाग्रंथ का --संजीव 'सलिल'

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नव वर्ष पर नवगीत संजीव 'सलिल' * महाकाल के महाग्रंथ का नया पृष्ठ फिर आज खुल रहा.... * वह काटोगे, जो बोया है. वह पाओगे,...
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मंगलवार, 29 दिसंबर 2009

नव गीत : ओढ़ कुहासे की चादर... --संजीव 'सलिल'

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नव गीत : संजीव 'सलिल' ओढ़ कुहासे की चादर, धरती लगाती दादी. ऊँघ रहा सतपुडा, लपेटे मटमैली खादी... सूर्य अँगारों की सिगड...
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गीतिका: वक्त और हालात की बातें --संजीव 'सलिल'

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गीतिका संजीव 'सलिल' वक्त और हालात की बातें खालिस शह औ' मात की बातें.. दिलवर सुन ले दिल कहता है . अनकहनी ज़ज्बात की बातें...
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लेख: भू गर्भीय हलचल और भूकंपीय श्रंखला -प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव

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विशेष आलेख: भू गर्भीय हलचल और भूकंपीय श्रंखला : एक दृष्टिकोण प्रो. विनय कुमार श्रीवास्तव , अध्यक्ष, इन्डियन जिओटेक्निकल सोसायटी जबलपुर...
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सोमवार, 28 दिसंबर 2009

सामयिक दोहे संजीव 'सलिल'

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सामयिक दोहे संजीव 'सलिल' पत्थर से हर शहर में मिलते मकां हजारों. मैं ढूंढ-ढूंढ हरा, घर एक नहीं मिलता.. रश्मि रथी की रश्मि क...
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रविवार, 27 दिसंबर 2009

: संस्था समाचार : इंडियन जिओटेक्निकल सोसाइटी जबलपुर पुनर्गठित

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संस्था समाचार: इंडियन जिओटेक्निकल सोसाइटी जबलपुर पुनर्गठित जबलपुर, २७.१२.२००९. इंडियन जिओटेक्निकल सोसाइटी जबलपुर चैप्टर का पुनर्गठन सर्व...

हिन्दी पद्यानुवाद मेघदूतम् श्लोक ५६ से ६० पद्यानुवादक प्रो.सी. बी. श्रीवास्तव विदग्ध

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हिन्दी पद्यानुवाद मेघदूतम् श्लोक ५६ से ६० पद्यानुवादक प्रो.सी. बी. श्रीवास्तव विदग्ध तं चेद वायौ सरति सरलस्कन्धसंघट्टजन्मा बाधेतोल्काक्षपि...
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गीत/प्रति गीत: अब पहले सी बात न होगी/फिर पहले सी बातें होंगी मानोशी चटर्जी/संजीव 'सलिल'

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गीत मानोशी चटर्जी अब पहले सी बात न होगी उम्र की वह सौग़ात न होगी खिलना खिल-खिल हँसना, झिलमिल तारों के संग आँख-मिचौली दौड़...
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शनिवार, 26 दिसंबर 2009

नव गीत: पग की किस्मत / सिर्फ भटकना -संजीव 'सलिल'

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-: नव गीत :- पग की किस्मत / सिर्फ भटकना संजीव 'सलिल' * राज मार्ग हो या पगडंडी, पग की किस्मत सिर्फ भटकना.... * ...
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शुक्रवार, 25 दिसंबर 2009

'बड़ा दिन' संजीव 'सलिल'

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'बड़ा दिन' संजीव 'सलिल' हम ऐसा कुछ काम कर सकें हर दिन रहे बड़ा दिन अपना. बनें सहायक नित्य किसी के- पूरा करदें उस...
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बुधवार, 23 दिसंबर 2009

गीतिका: बिना नाव पतवार हुए हैं --संजीव 'सलिल'

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गीतिका: संजीव 'सलिल' बिना नाव पतवार हुए हैं. क्यों गुलाब के खार हुए हैं. दर्शन बिन बेज़ार बहुत थे. कर दर्शन बेज़ार हुए...
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मंगलवार, 22 दिसंबर 2009

स्मृति दीर्घा: --संजीव 'सलिल'

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स्मृति दीर्घा: संजीव 'सलिल' * स्मृतियों के वातायन से, झाँक रहे हैं लोग... * पाला-पोसा खड़ा कर दिया, बिदा हो गए मौन. मुझमें छिप...
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दोहा गीतिका 'सलिल'

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(अभिनव प्रयोग) दोहा गीतिका 'सलिल' * तुमको मालूम ही नहीं शोलों की तासीर। तुम क्या जानो ख्वाब की कैसे हो ताबीर? बहरे मिलकर सु...
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रविवार, 20 दिसंबर 2009

HINDI POETRIC TRANSLATION OF MEGHDOOTAM 51 to 55

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HINDI POETRIC TRANSLATION OF MEGHDOOTAM 51 to 55 by Prof. C. B.Shrivastava contact 0 9425806252 Note ... Publisher required ब्रह्मावर्तं जनप...
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नव गीत: सारे जग को/जान रहे हम -संजीव 'सलिल'

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नव गीत: सारे जग को/जान रहे हम * संजीव 'सलिल' सारे जग को जान रहे हम, लेकिन खुद को जान न पाए... जब भी मुड़कर ...
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शुक्रवार, 18 दिसंबर 2009

:गीतिकाएं: साधना हो सफल नर्मदा-नर्मदा/खोटे सिक्के हैं प्रचलन में. --संजीव 'सलिल'

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आचार्य संजीव 'सलिल' की २ गीतिकाएं ई मेल: सलिल.संजीव@जीमेल.कॉम, ब्लॉग: संजिवसलिल.ब्लागस्पाट.com १ साधना हो सफल नर्मदा- नर...
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कविताएँ: विस्थापन की त्रासदी --मदन गोपाल लढ़ा

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कविताएँ: विस्थापन की त्रासदी मदन गोपाल लढ़ा madanrajasthani@ gmail.com राजस्थान के मरुकांतार क्षेत्र में वर्ष 1984 में सेना के तो...
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गुरुवार, 17 दिसंबर 2009

नव गीत: हर चेहरे में... संजीव 'सलिल'

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नव गीत: हर चेहरे में... संजीव 'सलिल' हर चेहरे में अलग कशिश है, आकर्षण है... * मिल्न-विरह में, नयन-बयन में. गुण-अवगुण या च...
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बुधवार, 16 दिसंबर 2009

A message : beena sharma

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This is a beautiful article: The woman in your life...very well expressed... Tomorrow you may get a working woman, but you should marry ...
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