दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

शनिवार, 28 नवंबर 2009

छठी इंद्रिय

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मस्तिष्कदृष्टि की क्षमता.. छठी इंद्रिय विवेक रंजन श्रीवास्तव ओ बी ११, विद्युत मण्डल कालोनी , रामपुर , जबलपुर हमारी सबसे बड़ी योग्यता क्या ...
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शुक्रवार, 27 नवंबर 2009

हिंदी सबके मन बसी : संजीव 'सलिल'

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हिंदी सबके मन बसी आचार्य संजीव'सलिल', संपादक दिव्य नर्मदा हिंदी भारत भूमि के, जन-गण को वरदान. हिंदी से ही हिंद का, संभव ह...
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हिंदी सबके मन बसी --संजीव'सलिल'

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हिंदी सबके मन बसी आचार्य संजीव'सलिल', संपादक दिव्य नर्मदा हिंदी भारत भूमि के, जन-गण को वरदान. हिंदी से ही हिंद का, संभव ह...
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गुरुवार, 26 नवंबर 2009

गीतिका: अपने मन से हार रहे हैं -संजीव 'सलिल'

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गीतिका आचार्य संजीव 'सलिल' अपने मन से हार रहे हैं. छुरा पीठ में मार रहे हैं॥ गुलदस्ते हैं मृग मरीचिका। छिपे नुकीले खार रह...
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सड़क पर...ओवरटेकिंग और टर्निंग इंडीकेटर्स अलग अलग हों....!!!!

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सड़क पर...ओवरटेकिंग और टर्निंग इंडीकेटर्स अलग अलग हों....!!!! vivek ranjan shrivastava , jabalpur सड़क पर , लेफ्ट या राइट टर्न के लिये , या ल...
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बुधवार, 25 नवंबर 2009

स्मृति गीत: तुम जाकर भी / गयी नहीं हो... संजीव 'सलिल'

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स्मृति गीत: पूज्य मातुश्री स्व. शांतिदेवी की प्रथम बरसी पर- संजीव 'सलिल' तुम जाकर भी गयी नहीं हो... * बरस हो गया तुम्हें न...
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मंगलवार, 24 नवंबर 2009

मैथिली गीत सब एलय फगुआ में सजना लल्लन प्रसाद ठाकुर

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मैथिली गीत - लल्लन प्रसाद ठाकुर - सब एलय फगुआ में सजना , अहाँ बिना मोर आँगन सूना । सब एलय ....................। चतुर्थिक राति अहाँ ...
सोमवार, 23 नवंबर 2009

शोकगीत: नाथ मुझे क्यों / किया अनाथ? संजीव 'सलिल'

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पूज्य मातुश्री स्व. शांति देवि जी की प्रथम बरसी पर शोकगीत: नाथ मुझे क्यों / किया अनाथ? संजीव 'सलिल' नाथ ! मुझे क्यों किया अना...
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मेघदूत ..३६ से ४०

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मेघदूत ..३६ से ४० Hindi translation ..by Prof. C.B. Shrivastava" vidagdh"..JABALPUR मूल संस्कृत भर्तुः कण्ठच्चविर इति गणैः सादरं व...

नव गीत: घर को 'सलिल' मकान मत कहो... --संजीव 'सलिल'

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नव गीत संजीव 'सलिल' घर को 'सलिल' मकान मत कहो... * कंकर में शंकर बसता है देख सको तो देखो. कण-कण में ब्रम्हांड समा...
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शनिवार, 21 नवंबर 2009

हिंदी सबके मन बसी -आचार्य संजीव 'सलिल'

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हिंदी सबके मन बसी आचार्य संजीव 'सलिल' हिंदी भारत भूमि के, जन-गण को वरदान. हिंदी से ही हिंद का, संभव है उत्थान.. संस्कृत की पौ...

मैथिली कविता: "चुलबुली कन्या बनि गेलहुँ" -कुसुम ठाकुर

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मैथिली कविता: बिहार के मिथिला अंचल की जन भाषा मैथिली समृद्ध साहित्यिक सृजन परंपरा के वाहक है. प्रस्तुत है नवोदित कवयित्री कुसुम ठाकुर की प...
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नवगीत: मैं अपना / जीवन लिखता संजीव 'सलिल'

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मैं अपना / जीवन लिखता संजीव 'सलिल' मैं अपना जीवन लिखता तुम कहते गीत-अगीत है... * उठता-गिरता, फिर भी चलता. सुबह ऊग हर साँ...
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Poems : Dr. Ram Sharma

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poems: Dr, Ram Sharma POLITICS Some party is against Hindus, Some against Mohammdens Some party is against Hindi some against ...

बाबा रामदेव के प्रति दोहांजलि : संजीव 'सलिल'

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बाबा रामदेव के प्रति दोहांजलि : संजीव 'सलिल' सत-शिव-सुन्दर ध्येय है, सत-चित आनंद प्रेय. कंकर को शंकर करें, रामदेव प्रज्ञेय ....
शुक्रवार, 20 नवंबर 2009

PRAVESH: The Life -FARHAN KHAN

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PRAVESH : Column of young talents FARHAN KHAN The Life I saw a dream, A man asks me Why I live ? No retort Asks me again ...

नवगीत: कौन किताबों से/सर मारे?... --आचार्य संजीव 'सलिल'

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नवगीत: आचार्य संजीव 'सलिल' कौन किताबों से सर मारे?... * बीत गया जो उसको भूलो. जीत गया जो वह पग छूलो. निज तहजीब पुरानी छ...
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गुरुवार, 19 नवंबर 2009

नव गीत : चलो भूत से मिलकर आएँ... -संजीव 'सलिल'

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नव गीत : संजीव 'सलिल' चलो भूत से मिलकर आएँ... * कल से कल के बीच आज है. शीश चढा, पग गिरा ताज है. कल का गढ़ है आज खंडहर. ...
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तेवरी -संजीव 'सलिल'

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: तेवरी : संजीव 'सलिल' दिल ने हरदम चाहे फूल. पर दिमाग ने बोये शूल.. मेहनतकश को कहें गलत. अफसर काम न करते भूल.. बहुत दो...
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बुधवार, 18 नवंबर 2009

नवगीत: सूना-सूना घर का द्वार -संजीव 'सलिल'

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नवगीत: संजीव 'सलिल' सूना-सूना घर का द्वार, मना रहे कैसा त्यौहार?... * भौजाई के बोल नहीं, बजते ढोलक- ढोल नहीं. नहीं अल्प...
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