दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

मंगलवार, 29 सितंबर 2009

Sonnet (सोंनेट) श्रीमती शन्नो अग्रवाल

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Sonnet (सोंनेट) ( अंगरेजी साहित्य के सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण छंद सोंनेट पर इंग्लॅण्ड निवासी श्रीमती शन्नो अग्रवाल ने दिव्य नर्मदा के लिए वि...
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शिवानन्द वाणी

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शिवानन्द वाणी सावधानी और अन्तरावलोकन द्वारा सदा मानसिक परिस्थितियों का ध्यान रखना चाहिए। मन में किसी प्रकार का निषेधात्मक या अनिश्चित ...
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रविवार, 27 सितंबर 2009

विजया दशमी पर दोहे

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विजया दशमी पर दोहे आचार्य संजीव 'सलिल' भक्ति शक्ति की कीजिये, मिले सफलता नित्य. स्नेह-साधना ही 'सलिल', है जीवन का...
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शनिवार, 26 सितंबर 2009

चिंतन कण : अंतिम सत्य -मृदुल कीर्ति

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चिंतन कण : अंतिम सत्य मृदुल कीर्ति जगत को सत मूरख कब जाने . दर-दर फिरत कटोरा ले के, मांगत नेह के दाने, बिनु बदले उपकारी साईं...
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शुक्रवार, 25 सितंबर 2009

sainik school puruliya, west bengal

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ACHIEVEMENTS 1. The school follows CBSE system and affiliated to Sainik Schools Society. This school has been achieving excellent result...
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चिंतन: शिवानंद वाणी

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विकट परिस्थितियों पर विजय पाने और सफल बनने के लिए दृढ़ लगन और अनहत धैर्य की आवश्यकता है। साधारण सी घटना से विचलित नहीं होना चाहिए और न ही...
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गुरुवार, 24 सितंबर 2009

सामयिक प्रश्न: नमाज़ या शक्ति प्रदर्शन?

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सामयिक प्रश्न: नमाज़ या शक्ति प्रदर्शन? दिल्ली गुडगाँव एक्सप्रेस वे एन .एच 8 पर मुसलमानों द्वारा पढ़ी गई नमाज के सन्दर्भ में आज (22-...
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poetry : -- DR.RAM SHARMA 1. CHILDHOOD MEMORIES I still remember my childhood, Love, affection and chide of my mother, Weeping in ...
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चिंतन: शिवानन्द वाणी

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सदाचारी मनुष्य बुद्धिवादी से कहीं अधिक शक्तिमान है। चरित्र की उन्नति होने से नाना प्रकार की सिद्धियों और गुप्त शक्तियों की प्राप्ति होती ह...
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बुधवार, 23 सितंबर 2009

चिंतन कण: शिवानन्द वाणी

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चिंतन कण: शिवानन्द वाणी अपने दैवी वैभवों को पहचानो। ब्रह्म की महिमा का अनुभव करो। अपनी स्वतन्त्रता, अपना सच्चिदानन्द स्वभाव, अपना महाकेन्...
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स्मृति गीत- पितृव्य हमारे नहीं रहे.... आचार्य संजीव 'सलिल'

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स्मृति गीत- पितृव्य हमारे नहीं रहे.... आचार्य संजीव 'सलिल' * वे आसमान की छाया थे. वे बरगद सी दृढ़ काया थे. थे- पूर्व...
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सोमवार, 21 सितंबर 2009

कायस्थ युवक-युवती परिचय सम्मलेन

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कायस्थ युवक-युवती परिचय सम्मलेन भिलाई 13दिसम्बर2009 आयोजक चित्रांश चर्चा मासिक एवं चित्रांश चेतना मंच ...
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शुक्रवार, 18 सितंबर 2009

नवगीत: लोकतंत्र के शहंशाह की जय... --आचार्य संजीव 'सलिल'

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नवगीत: लोकतंत्र के शहंशाह की जय... * राजे-प्यादे कभी हुए थे. निज सुख में नित लीन मुए थे. करवट बदले समय मिटे सब- तनिक नहीं संशय. ...
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चिंतन : शिवानन्द वाणी

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जब कभी तुम उभय-संभव तर्क में पड़ जाओ, तो तुम्हें मार्ग निश्चित करने के लिए निपुण बनना चाहिए, जिससे तुम्हे सीधी सफलता प्राप्त हो सके। इसके ...
सोमवार, 14 सितंबर 2009

स्वामी शिवानन्द वाणी

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स्वामी शिवानन्द वाणी भावनाओं की प्रचुरता और बुलबुले के समान उठने वाली उत्तेजनाओं के प्रवाह में बह न जाओ। उनको वश में करो। आखिर संकट आया ...
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नवगीत: संजीव 'सलिल'

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नवगीत: संजीव 'सलिल' अपना हर पल है हिन्दीमय एक दिवस क्या खाक मनाएँ? बोलें-लिखें नित्य अंग्रेजी जो वे एक दिवस जय गाएँ... ...
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श्लोक ११ से १५ मेघदूत ..अनुवाद प्रो सी बी श्रीवास्तव

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कर्तुं यच च प्रभवति महीम उच्चिलीन्ध्राम अवन्ध्यां तच च्रुत्वा ते श्रवणसुभगं गर्जितं मानसोत्काः आ कैलासाद बिसकिसलयच्चेदपाथेयवन्तः संपत्स्यन्त...
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रविवार, 13 सितंबर 2009

ईशावास्योपनिषद : हिंदी काव्यानुवाद डॉ. मृदुल कीर्ति

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आत्मीय पाठकों! वन्दे मातरम. सनातन भारतीय मूल्यों के कालजयी वाहक उपनिषदों को संस्कृत में होने के कारण आम जन पढ़ नहीं पाते. विश्वविख्यात व...
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मेघदूत अनुवाद ...आगे... द्वारा.. प्रो.सी बी श्रीवास्तव

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जातं वंशे भुवनविदिते पुष्करावर्तकानां जानामि त्वां प्रकृतिपुरुषं कामरूपं मघोनः तेनार्थित्वं त्वयि विधिवशाद दूरबन्धुर गतो ऽहं याच्ञा मोघा वरम...
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शनिवार, 12 सितंबर 2009

मेघदूतम् हिन्दी पद्यानुवाद श्लोक १ से ५ पद्यानुवादक .. प्रो.सी. बी. श्रीवास्तव "विदग्ध "

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मेघदूतम् हिन्दी पद्यानुवाद महा कवि कालिदास कृत संस्कृत ..मेघदूतम् हिन्दी पद्यानुवादक .. प्रो.सी. बी. श्रीवास्तव "विदग्ध " संपर्क ...
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