दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada

दिव्य नर्मदा : हिंदी तथा अन्य भाषाओँ के मध्य साहित्यिक-सांस्कृतिक-सामाजिक संपर्क हेतु रचना सेतु A plateform for literal, social, cultural and spiritual creative works. Bridges gap between HINDI and other languages, literature and other forms of expression.

गुरुवार, 30 जुलाई 2009

सिपाही तुम स्वदेश की शान !

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मैं पिताजी प्रो.चित्र भूषण श्रीवास्तव विदग्ध जी की पहली रचना की खोज में था .... पुलिस पत्रिका वर्ष ३ अंक ११ नवम्बर १९४९ के पृष्ठ १ पर प्रकाश...
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बुधवार, 29 जुलाई 2009

नर्मदे हर हर हर नर्मदे

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नर्मदे हर हर हर नर्मदे अंशलाल पंद्रे नर्मदे हर हर हर नर्मदे मध्ये गंगे हर नर्मदे अमरकंटक प्रकट्य सलिला भड़ौच सागरमय सलिला नर्मदे हर ... मैकल ...
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लघु कथा: विजय दिवस

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लघु कथा विजय दिवस आचार्य संजीव 'सलिल' करगिल विजय की वर्षगांठ को विजय दिवस के रूप में मनाये जाने की खबर पाकर एक मित्र बोले- 'क...
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मंगलवार, 28 जुलाई 2009

दो कवि - दो रंग. प्राण शर्मा और आचार्य संजीव 'सलिल' की रचनाएँ

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Monday, 20 July 2009 इंग्लैंड निवासी श्री महावीर शर्मा तथा श्री प्राण शर्मा श्रेष्ठ लेखन के साथ-साथ स्तरीय प्रकाशन के द्वारा विश्व के हिन्दी...
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शुक्रवार, 24 जुलाई 2009

प्रो. दिनेश खरे के निधन पर शोक गीत: संजीव 'सलिल'

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शोक गीत: -आचार्य संजीव 'सलिल' (प्रसिद्ध कवि-कथाकार-प्रकाशक, स्व. डॉ. (प्रो.) दिनेश खरे, विभागाध...
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गुरुवार, 23 जुलाई 2009

अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद जयंती पर विशेष रचना

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अमर शहीद चन्द्र शेखर आजाद जयंती पर विशेष नवगीत: आचार्य संजीव 'सलिल' तुम गुलाम देश में आजाद हो जिए और हम आजाद देश में गुलाम हैं...
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बुधवार, 22 जुलाई 2009

तेवरी, मुक्तिका, गीतिका या गजल

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गीतिका आचार्य संजीव 'सलिल' आते देखा खुदी को जब खुदा ही जाता रहा. गयी दौलत पास से क्या, दोस्त ही जाता रहा. दर्दे-दिल का ज़िक्र क्यों...
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मंगलवार, 21 जुलाई 2009

विशेष लेख : संगीता पुरी

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vishesh पृथ्‍वी के जड चेतन पर सूर्य या चंद्रग्रहण के प्रभाव का क्‍या है सच ??????? आप दुनिया को जिस रूप में देख पाते हैं, उसी रूप में उस...
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सोमवार, 20 जुलाई 2009

नवगीत - एक गाँव में देखा मैंने

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एक गाँव में देखा मैंने सुख को बैठे खटिया पर अधनंगा था, बच्‍चे नंगे, खेल रहे थे मिटिया पर। मैंने पूछा कैसे जीते वो बोला सुख हैं सारे बस कपड़े ...
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बाल गीत: पारुल, आचार्य संजीव 'सलिल'

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पारुल रुन-झुन करती आयी पारुल। सब बच्चों को भायी पारुल। बादल गरजे, तनिक न सहमी। बरखा लख मुस्कायी पारुल। चम-चम बिजली दूर गिरी तो, उछल-कूद हर्ष...
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रविवार, 19 जुलाई 2009

गिरीश बिल्लोरे की एक रचना

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धरा से उगती उष्मा , तड़पती देहों के मेले दरकती भू ने समझाया, ज़रा अब तो सबक लो यहाँ उपभोग से ज़्यादा प्रदर्शन पे यकीं क्यों है तटों को मिटा द...
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मन शिवम् गात अवनीश तिवारी मुंड माल , त्रिशूल विशाल , देख डमरू हाथ , मन शिवम् गात | त्रिनेत्र - ललाट , जटा गंग- धार , गले झूलत नाग , मन शिवम्...
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रविवार, 12 जुलाई 2009

परिचर्चा: चिट्ठाकारी और टिप्पणी-लेखन

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परिचर्चा: यह परिचर्चा सभी के लिए खुली है. आप अपनी राय दें... टिप्पणी देने का औचित्य, तरीका, आकर, प्रकार, शब्दों का प्रयोग, शैली, शिल्प आदे व...
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गुरुवार, 9 जुलाई 2009

गजल मनु बेतखल्लुस

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क्या अपने हाथ से निकली नज़र नहीं आती ? ये नस्ल, कुछ तुझे बदली नज़र नहीं आती ? किसी भी फूल पे तितली नज़र नहीं आती हवा चमन की क्या बदली नज़र ...
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रविवार, 28 जून 2009

तीन गीतिकाएं : आचार्य संजीव वर्मा 'सलिल'

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गीतिका-१ तुमने कब चाहा दिल दरके? हुए दिवाने जब दिल-दर के। जिन पर हमने किया भरोसा वे निकले सौदाई जर के.. राज अक्ल का नहीं यहाँ पर ताज हुए हैं...
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गुरुवार, 18 जून 2009

नवगीत: हवा में ठंडक --सलिल

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सारांश यहाँ आगे पढ़ें के आगे यहाँ नवगीत आचार्य संजीव 'सलिल' हवा में ठंडक बहुत है... काँपता है गात सारा ठिठुरता सूर...
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श्रृद्धांजलि: अल्हड बीकानेरी - संजीव 'सलिल'

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हिन्दी-हास्य जगत को फ़िर से आज बहाना है आँसू। सूनापन बढ़ गया हास्य में चला गया है कवि धाँसू ।। ऊपरवाला दुनिया के गम देख हो गया क्या हैरां? नीच...
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बुधवार, 17 जून 2009

poem: plant a tree- Dr. Ram Sharma, Meerut.

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PLANT A TREE Plant a tree, become tension free, water it with care, no pollution will be there, birds will chirp, cool breeze will pup, it p...
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ग़ज़ल: मनु बेतखल्लुस, दिल्ली

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बस आदमी से उखडा हुआ आदमी मिले हमसे कभी तो हँसता हुआ आदमी मिले इस आदमी की भीड़ में तू भी तलाश कर, शायद इसी में भटका हुआ आदमी मिले सब तेजगाम...
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आरोग्य-आशा: स्व. शान्ति देवी वर्मा के नुस्खे

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इस स्तम्भ के अंतर्गत पारंपरिक चिकित्सा-विधि के प्रचलित दिए जा रहे हैं। हमारे बुजुर्ग इन का प्रयोग कर रोगों से निजात पाते रहे हैं। आपको ऐसे...
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