tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post7652488005321395746..comments2024-03-02T15:49:04.728+05:30Comments on दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada : chhand salila: tatank chhand: - Dr. Satish Saxena Divya Narmadahttp://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comBlogger3125tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-32482755334914507322013-11-09T18:09:50.044+05:302013-11-09T18:09:50.044+05:30Satish Saxena
अम्बरीश जी ...
ताटंक मैं अंत मैं ...Satish Saxena <br /><br />अम्बरीश जी ...<br /><br />ताटंक मैं अंत मैं म गण का विधान है किन्तु अनेक कवियों ने १ गुरु की जगह २ लघु का प्रयोग किया है.इस से प्रवाह मैं तो अंतर नहीं आता पर उचित तो है ही नहीं .यही भूल मैंने भी की है. वीर छंद मैं अंत मैं गुरु लघु (लघु गुरु नहीं) रहता है. मेरी जानकारी के अनुसार (लगभग १२०० छंदों मैं )३१ मात्रा के दो अन्य छंद मिलते हैं धत्ता और धत्ता नन्द.धता मैं १८,१३ पर यति और अंत मैं न गण तथा धत्तानानद मैं ११,७,१३ पर यति और अंत मैं न गण का विधान मिलता है ,जो कि मेरे इस छंद से कोई साम्य नहीं रखता. ऐसी दशा मैं इस को क्या माना जाय.आप अपने साहित्य मैं देखने का कष्ट करें ....<br /><br /><br /> ...वीर छंद जिसे मात्रिक सवैया भी कहा जाता है, इसकी परिभाषा ...वीर छंद सोलह पनद्रह हों मात्रा गुरु लघु अंत बनाय. तथा इसमैं सोलहवीं मात्रा गुरु और पन्दहवी मात्रा लघु भी होना चाहिए. सोलहवी मात्रा का पालन तो किया गया है किन्तु अंत मैं लघु न होने से छंद मैं बिगड़ गया है ...<br /><br />'शून्य'Satish Saxenanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-26334414552585948122013-11-09T18:08:43.529+05:302013-11-09T18:08:43.529+05:30Ambarish Srivastava
आदरणीय सतीश जी,
छंद के माध...Ambarish Srivastava <br /><br />आदरणीय सतीश जी, <br /><br />छंद के माध्यम से दोनों भाषाओँ की शानदार तुलना की है आपने .. अत्यंत विनम्रता पूर्वक एक निवेदन है कि ताटंक के अंत में मगण अर्थात मातारा या गुरुगुरुगुरु की अनिवार्यता होती है तथा वीर छंद के अंत में लघ गुरु ही रहता है ...https://www.facebook.com/.../266812523449919<br />https://www.facebook.com/notes/भारतीय-सनातनी-छंद/वीर-छंद-या-आल्हा/266812523449919 Ambarish Srivastavanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-83267938728526524042013-11-09T18:08:00.441+05:302013-11-09T18:08:00.441+05:30Rajesh Prabhakar
बहुत सुन्दर ...
हिंदी भाषा व अ...Rajesh Prabhakar <br /><br />बहुत सुन्दर ...<br /><br />हिंदी भाषा व अंग्रेजी भाषा की गुणवता का मनमोहक विश्लेषण किया है ...<br /><br />नमन करता हूँ आपकोrajesh prabhakarnoreply@blogger.com