tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post7065264034537384518..comments2024-03-02T15:49:04.728+05:30Comments on दिव्य नर्मदा .......... Divya Narmada : गीत: नया वर्ष है... संजीव 'सलिल'Divya Narmadahttp://www.blogger.com/profile/13664031006179956497noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-2480332052672226492013-01-01T08:57:13.681+05:302013-01-01T08:57:13.681+05:30vijay
आ० संजीव जी,
सुन्दर कविता के लिए बधाई।
विज...vijay<br />आ० संजीव जी,<br /><br />सुन्दर कविता के लिए बधाई।<br /><br />विजयvijay nikorenoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-89483786019378192402013-01-01T08:56:45.119+05:302013-01-01T08:56:45.119+05:30deepti gupta
आदरणीय संजीव जी,
इस ...deepti gupta<br /><br />आदरणीय संजीव जी,<br /><br /> इस प्यारी सी कविता के लिए भरपूर सराहना स्वीकार कीजिए !<br /><br /> सादर,<br /> दीप्ति deepti guptanoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-85464056958380560712012-12-22T16:04:19.668+05:302012-12-22T16:04:19.668+05:30सौरभ जी, अरुण जी, सीमा जी, रचना ने आपके मन को छुआ ...सौरभ जी, अरुण जी, सीमा जी, रचना ने आपके मन को छुआ तो मेरा सृजन कर्म सफल हो गया. धन्यवाद. sanjiv salilnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-40653253348589457252012-12-22T16:02:56.115+05:302012-12-22T16:02:56.115+05:30seema agrawal
नव वर्ष से पूर्व ही नव वर्ष की प...seema agrawal<br /> नव वर्ष से पूर्व ही नव वर्ष की पद चाप सुनवाने के लिए धन्यवाद आचार्य जी<br /> कल से कल का सेतु आज है यह मत भूलो...वाह क्या लेखन है <br /><br /> शीर्षासन कर न्याय कहे <br /> सिर धरा फर्श है.....वाह <br /><br /> चले अहर्निश ऊग-डूब कब सोचे सूरज?<br /> कर कर कोशिश फल की चिंता काश सकें तज...इन पंक्तियों ने गीत में चार चाँद लगा दिए हैंseema agrawalnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-72223256741568734942012-12-22T16:02:15.599+05:302012-12-22T16:02:15.599+05:30अरुन शर्मा "अनन्त"
आदरणीय सर नव वर...अरुन शर्मा "अनन्त" <br /><br /> आदरणीय सर नव वर्ष का इतना सुन्दर गीत पढने का मुझे अवसर मिला आपको अनेक-2 धन्यवाद<br />अरुन शर्मा "अनन्त"noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-4004944219859882352012-12-22T16:01:49.709+05:302012-12-22T16:01:49.709+05:30Saurabh Pandey
नव वर्ष के मंगलमय होने की आशाओ...Saurabh Pandey<br /><br /> नव वर्ष के मंगलमय होने की आशाओं के साथ विचारपरक तथ्यों की इतना शानदार प्रस्तुति ! वाह वाह !!<br /><br /> चले अहर्निश ऊग-डूब कब सोचे सूरज?<br /> कर कर कोशिश फल की चिंता काश सकें तज..<br /><br /> बहुत खूब, आचार्यजी.<br />Saurabh Pandeynoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5874853459355966443.post-17341430834169039572012-12-22T16:01:07.929+05:302012-12-22T16:01:07.929+05:30 rajesh kumari
वाह आदरणीय सलिल जी
... rajesh kumari <br /><br /> वाह आदरणीय सलिल जी <br /> आपने तो नूतन वर्ष का आगाज़ बहुत सुन्दर गीत से किया सम्पूर्ण वर्ष का लेख जोखा शब्द दर शब्द बढ़ता गया व्यंग्य ,सन्देश क्या खोया क्या पाया सभी कुछ तो कह रहा है आपका गीत ,जब आम आदमी कहे हर्ष है तभी सार्थक वर्ष है ,दरवाजे पर खड़ा नूतन वर्ष है ।बहुत बहुत बधाई आदरणीय <br />rajesh kumarinoreply@blogger.com