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रविवार, 28 अप्रैल 2013

गीत : बजा बाँसुरी… संजीव

गीत :

बजा बाँसुरी… 

संजीव
*
बजा बाँसुरी झूम-झूम मन,

नाच खुशी से लूम-लूम मन… 
*
जंगल-जंगल गमक रहा है।

महुआ फूला महक रहा है।

बौराया है आम दशहरी 

पिक कूकी चित चहक रहा है।

डगर-डगर पर छाया फागुन 

कभी न होना सूम-सूम मन… 
*
पिरयाई सरसों जवान है। 

मानसिक ताने शर-कमान है।
  
दिनकर छेड़े, उषा लजाई-

स्नेह-साक्षी चुप मचान है।

बैरन पायल करती गायन 

पा प्रेयसी सँग घूम-घूम मन… 
*
कजरी होरी राई कबीरा,

टिमकी ढोलक झाँझ मंजीरा।

आल्हा जस फागें बम्बुलियाँ 

सुना हो रही धरा अधीरा।

उड़ा हुलासों की पतंग फिर 

अरमानों को चूम-चूम मन…

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2 टिप्‍पणियां:

kusumvir@gmail.com ने कहा…

Kusum Vir via yahoogroups.com

सुन्दर गीत के लिए बहुत बधाई आ० सलिल जी,
सादर,
कुसुम वीर

बेनामी ने कहा…

सलिल जी,

एक सुंदर गीत के लिए हार्दिक बधाई
बहुत अच्छा लिखते हैं आप
सादर,
सुरेन्द्र
From: Surender Bhutani